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मांगरोल गैंगरेप केस में दो दाेषियाें काे उम्र कैद 

सूरत का जिला न्यायालय

एक आरोपित की ट्रायल के दौरान हो गई थी मौत

सूरत, 17 फरवरी (Udaipur Kiran) । सूरत के मांगरोल में एक गैंगरेप मामले में कोर्ट ने दो दाेषियाें को उम्र कैद (अंतिम सांस) की सजा सुनाई है। इस केस में एक अराेपित की ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी। बीते साल नवरात्रि के दौरान कोसंबा पुलिस स्टेशन क्षेत्र में नाबालिग के साथ गैंगरेप की घटना उस वक्त सामने आई थी, जब वह अपने मित्र के साथ खेत में बैठी थी। कोर्ट ने स्पीडी ट्रायल करते हुए महज 130 दिन में फैसला सुनाया है। एक दिन पूर्व 15 फरवरी 2025 को कोर्ट ने दोनों आरोपिताें के दाेषी पाया था।

गैंगरेप केस में कुल तीन आरोपित पकड़े गए थे। इनमें मुन्ना करबली पासवान, राम सजीवन (राजू) और शिवशंकर उर्फ दयाशंकर चौरसिया हैं। पुलिस ट्रायल के दौरान हृदय गति रुकने से शिवशंकर उर्फ दयाशंकर की मौत हो गई थी। इसके बाद शेष दो आरोपिताें के खिलाफ कोर्ट में ट्रायल चलाया गया। साक्षियाें के बयान, परिस्थितिजन्य सबूत आदि को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने दोनों आरोपिताें को दो दिन पूर्व शनिवार को दाेषी करार दिया। केस में सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक नयन सुखडवाला को नियुक्त किया गया था।

नयन सुखडवाला ने साेमवार काे बताया कि घटना के उदाहरणस्वरूप सजा सुनाने की मांग की गई थी। पीड़िता ने अपने बयान में बताया था कि घटना नवरात्रि पंचमी की थी। असमान से चंद्रमा का पर्याप्त प्रकाश हो रहा था। आरोपिताें ने मोबाइल निकालकर फोटो खींचा, जिसकी फ्लैश लाइट के कारण उनके चेहरे साफ दिखाई दे रहे थे।

हाईकोर्ट के आदेश पर 11 नवंबर 2024 से कोर्ट में लगातार डे टू डे इस केस का ट्रायल शुरू किया गया था। पीड़िता और मित्र ने कोर्ट में भयमुक्त होकर बयान दर्ज कराए। इस मामले में पुलिस ने महज 15 दिनों में 3 हजार पेज का आरोपपत्र तैयार कर कोर्ट में पेश किया। केस के लिए पुलिस को 50 विशेष अधिकारी और कर्मचारी दिए गए थे। इनकी दिन-रात की मेहतन के बाद 467 पेज का मूल आरोपपत्र तैयार किया गया। इसके अलावा 2500 पन्ने की सॉफ्ट कॉपी भी दी गई। आरोपपत्र में 60 साक्षियाें के दर्ज बयान के अलावा मजबूत सबूत पेश किए गए। इसमें मेडिकल एवं साइंटिफिक रिपोर्ट, मोबाइल डाटा और स्पेक्ट्रोग्राफिक साक्ष्य शामिल हैं।

केस में सूरत जिला पुलिस सुपरिटेंडेंट हितेश जोयसर ने बताया कि 8 अक्टूबर 2024 की घटना बहुत ही गंभीर और संवेदनशील थी। तीन आरोपिताें ने नाबालिग के साथ गैंगरेप

घटना को अंजाम दिया था। कोसंबा थाने में केस दर्ज करने के बाद पुलिस की डॉग स्क्वॉड, एफएसएल की टीमाें ने 5 किलोमीटर की रेंज में जांच की। बाइक के माध्यम से अपराध का खुलासा हो सका। तीनों आरोपिताें को घटना के 48 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया गया था।

यह थी घटना

केस के अनुसार 8 अक्टूबर 2024 की रात 10.45 से 11.15 बजे के बीच सूरत जिले के कोसंबा पुलिस स्टेशन क्षेत्र के मोटा बोरसरा गांव के खेत में 17 वर्ष 4 माह की नाबालिग अपने मित्र के साथ बैठी थी। इसी दौरान मुन्ना करबली पासवान, शिवशंकर चौरसिया और राजू बाइक पर पहुंचे। तीनों ने नाबालिग और उसके मित्र को के मोबाइल छीन लिए

और उनके कपड़े उतरवाकर फोटो खींचे। इसे वायरल करने की धमकी देकर नाबालिक से संबंध बनाने का दबाव दिया। नाबालिग और युवक ने वहां से भागने की कोशिश

लेकिन, कुछ दूर पर जाकर तीनों आरोपिताें ने किशोरी से गैंगरेप किया। नाबालिग के चिल्लाने पर लोग जमा हो गए और तीनाें आरोपित मौके से भाग निकले। घटना में केस दर्ज

कर पुलिस ने बाद में तीनों को पकड़ लिया गया।

किशोरी और युवक की हुई सगाई

नाबालिग से उसके मित्र युवक के सामने गैंगरेप की घटना काे देखते हुए उसके परिवार के लाेग किशाेरी काे अपनाने के लिए तैयार हो गए। दोनों के परिवाराें की सहमति से सगाई हो चुकी है। चूंकि किशोरी अभी नाबालिग है इसलिए दोनों की शादी नहीं हुई है। हालांकि शुरुआत में युवक के परिवार के लोग इस मुद्दे पर असमंजस में थे, लेकिन प्रेमी युवक ने हिम्मत दिखाते हुए परिवार को राजी करने में सफलता रहा, इस वजह से पीड़िता को सामाजिक न्याय दिलाने के प्रयास को भी कामयाबी मिली।

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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

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