West Bengal

पश्चिम बंगाल में छोटे किसानों को राहत, कोल्ड स्टोरेज में 30 प्रतिशत स्थान आरक्षित करने का आदेश

आलू  भंडारण

कोलकाता, 17 फरवरी (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के सभी कोल्ड स्टोरेज मालिकों को निर्देश दिया है कि वे अपने भंडारण सुविधाओं में 30 प्रतिशत स्थान छोटे किसानों के लिए आरक्षित करें। यह फैसला उन किसानों को राहत देने के लिए लिया गया है, जो खासकर आलू जैसी फसलों के भंडारण को लेकर हर सीजन में परेशानी झेलते हैं।

सरकार के इस फैसले को प्रभावी बनाने के लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भेजा गया है। जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि उनके जिले के कोल्ड स्टोरेज मालिक इस आदेश का पालन करें।

इस आदेश के तहत छोटे किसान अधिकतम 30 क्विंटल आलू यानी लगभग 70 बोरी तक का भंडारण कर सकेंगे। कोल्ड स्टोरेज मालिकों को प्रत्येक सीजन में एक निश्चित समय तक 30 प्रतिशत स्थान आरक्षित रखना होगा। यदि निर्धारित समय के बाद भी यह स्थान खाली रहता है, तो ही स्टोरेज मालिक इसे अन्य किसानों को किराए पर दे सकते हैं। हालांकि, अगर वे इस स्थान को किराए पर देने में असफल रहते हैं, तो राज्य सरकार से उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। जो छोटे किसान इस आरक्षित सुविधा का लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड और फसल बीमा से जुड़े दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा। यह स्थान पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा।

राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि अक्सर छोटे किसान कोल्ड स्टोरेज का उपयोग नहीं कर पाते, क्योंकि बड़े किसानों द्वारा पहले ही भंडारण की जगह बुक कर ली जाती है।

पश्चिम बंगाल प्रोग्रेसिव पोटैटो ट्रेडर्स एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया। हालांकि, उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य सरकार को आलू उत्पादन का 30 प्रतिशत हिस्सा सीधे किसानों से खरीदने पर भी विचार करना चाहिए।

उन्होंने सोमवार को कहा कि अगर सरकार ऐसा करती है, तो इससे छोटे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा और खुदरा बाजार में आलू की कीमतें भी स्थिर रहेंगी।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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