

– अलापुर पहाड़ी पर “हरि पर्वत” के रूप में विकसित हो रहा है अर्बन वन
ग्वालियर, 16 फरवरी (Udaipur Kiran) । ग्वालियर शहर की अलापुर पहाड़ी को शहरी वन के रूप में विकसित कर हरीतिमा की चादर ओढ़ाई जा रही है। इसे “हरि पर्वत” नाम दिया गया है। पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से किए जा रहे इस रचनात्मक कार्य में शहरवासी भी बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी निभा रहे हैं। रविवार को कलेक्टर रुचिका चौहान एवं नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय की अगुआई में जेसीआई से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं और एनसीसी के बच्चों ने हरि पर्वत पर विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपे।
इस अवसर पर अपर आयुक्त नगर निगम मुनीष सिकरवार, स्त्री शक्ति मंच की संस्थापक अध्यक्ष एवं जेसीआई मृगनयनी की अध्यक्ष तथा जेसीआई से जुड़े अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं और एनसीसी के बच्चों ने बढ़-चढ़कर पौधे रोपे। साथ ही नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारियों, पर्यावरण प्रेमी और अन्य सामाजिक संस्थाओं से जुड़े नागरिकों ने भी पौधरोपण किया।
शहर के कचरे, पराली, भूसा, गौमूत्र व गोबर से वनीकरण के लिये तैयार हुआ है “हरि पर्वत”
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जितेन्द्र कुमार माहेश्वरी एवं मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत ने गत 30 नवम्बर को पौधे रोपकर “हरि पर्वत” पर अर्बन वन की शुरूआत की थी। कलेक्टर रुचिका चौहान ने बताया कि न्यायमूर्ति आनंद पाठक की पहल से प्रेरित होकर प्रदेश सरकार की सिटी फॉरेस्ट योजना के तहत गत 7 नवम्बर को अलापुर पहाड़ी को अर्बन वन के लिये तैयार करने का काम शुरू किया गया था। उन्होंने बताया कि अलापुर पहाड़ी को वनीकरण के लिये तैयार करने में शहर का हरा व गीला कचरा, जलकुंभी, राख, पराली, भूसा, गौमूत्र व गोबर इत्यादि का इस्तेमाल किया गया है। हरि पर्वत को देश भर में वनीकरण के लिये विख्यात “राम आस्था मिशन” के सहयोग से अर्बन वन के रूप में विकसित किया जा रहा है।
(Udaipur Kiran) तोमर
