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जनजातीय विरासत काे प्रस्तुत और प्रोत्साहित करने में प्रमुख है आदि महोत्सव का आयाेजन: राष्ट्रपति

आदि महोत्सव में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु एवं केन्द्रीय मंत्री जुएल ओराम

नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में शुरू हुआ आदि महोत्सव 2025

नई दिल्ली, 16 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मु ने रविवार को कहा कि आदि महोत्सव जनजातीय विरासत को प्रस्तुत करने और उसे प्रोत्साहित करने का एक प्रमुख आयोजन है। ऐसे उत्सव, जनजातीय समाज के उद्यमियों, शिल्पकारों और कलाकारों को बाजार से जुड़ने का बहुत अच्छा अवसर प्रदान करते हैं।

जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (ट्राइफेड) 16-24 फरवरी तक मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम नई दिल्ली में प्रतिष्ठित आदि महोत्सव 2025 का शुभारंभ हाे गया। राष्ट्रपति मुर्मु आज मुख्य अतिथि के रूप में इस महाेत्सव के उद्घाटन समारोह में शामिल हुईं। कार्यक्रम में जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम भी मौजूद रहे। इस महोत्सव में 600 से अधिक आदिवासी कारीगर, 500 प्रदर्शनकारी कलाकार भाग ले रहे है। इस माैके पर 25 आदिवासी खाद्य स्टॉल भी लगाए गए हैं। यहां 30 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विविध परंपराओं का प्रतिनिधित्व भी है।

इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि जनजातीय समाज की शिल्प-कलाएं, खान-पान, वस्त्र और आभूषण, चिकित्सा पद्धतियां, घरेलू उपकरण तथा खेल-कूद हमारे देश की अनमोल धरोहर हैं। वे न केवल पारंपरिक हैं, बल्कि आधुनिक और वैज्ञानिक भी हैं। वे पर्यावरण के साथ एक प्राकृतिक सद्भाव प्रदर्शित करते हैं और एक स्थायी जीवन शैली का अनुकरण करते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले 10 वर्ष में आदिवासी समुदायों के व्यापक विकास के लिए कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं। किसी भी समाज के विकास में शिक्षा की भूमिका सबसे अधिक महत्वपूर्ण होती है। यह प्रसन्नता की बात है कि देश में 470 से अधिक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के माध्यम से लगभग सवा लाख आदिवासी बच्चों को स्कूली शिक्षा दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि पीएम जनमन अभियान के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समुदाय के लगभग 28 लाख लोगों को लाभ पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। बड़े पैमाने पर अभियान की सफलता का विस्तार करने के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि जनजाती समुदायों के पांच करोड़ से अधिक लोग सरकारी पहलों से लाभान्वित होते हैं, पिछले साल गांधी जयंती पर धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान शुरू किए गए थे।

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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा

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