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स्थानीय कारीगरों के उत्पादों को मिल रही वैश्विक पहचानः  धर्मेंद्र प्रधान 

खरीददारी करते केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान
खरीददारी करते केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान

महाकुंभ में लगी ओडीओपी प्रदर्शनी में केन्द्रीय मंत्री ने की खरीददारी

महाकुंभ नगर, 16 फरवरी (Udaipur Kiran) । महाकुंभ में आयोजित एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) प्रदर्शनी में रविवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कुशीनगर जिले के प्रसिद्ध केले के रेशे से निर्मित कालीन की खरीददारी की और इसकी गुणवत्ता को जमकर सराहा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की यह योजना न केवल स्थानीय कारीगरों को सशक्त बना रही है, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रदेश के उत्पादों को नई पहचान दिला रही है।

धर्मेंद्र प्रधान ने ओडीओपी योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह योजना न केवल कारीगरों और छोटे उद्यमियों को सशक्त बना रही है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान कर रही है। अब यूपीआई जैसी डिजिटल भुगतान व्यवस्था के चलते कारीगरों को सीधे उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल रहा है, जिससे व्यापार में पारदर्शिता और सुगमता आई है। महाकुम्भ के आयोजन से प्रदेश के हर जिले के विशिष्ट उत्पादों को व्यापक पहचान मिल रही है, जिससे स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को बड़ा बाजार उपलब्ध हो रहा है। यह प्रयास भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और आने वाले समय में इससे प्रदेश के लाखों कारीगरों को आर्थिक मजबूती मिलेगी। प्रदर्शनी के दौरान विभिन्न जनपदों के ओडीओपी उत्पादों के कारीगरों और उद्यमियों ने भी केंद्रीय मंत्री से संवाद किया और अपने अनुभव साझा किए। उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु, मध्यम, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने प्रदर्शनी में लगे विभिन्न स्टालों की विशेषताओं से केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया। बताया कि कुशीनगर जो केले की खेती के लिए प्रसिद्ध है, अब अपने प्राकृतिक फाइबर से बने उत्पादों के लिए भी पहचाना जा रहा है। केले के रेशे से निर्मित कालीन पूरी तरह जैविक और पर्यावरण के अनुकूल हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनकी मांग लगातार बढ़ रही है।

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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