
– जिले में ही अंतरराष्ट्रीय टेस्टिंग होने के बाद पीतल कारोबारियों की दिल्ली-मुंबई की दौड़ बचेगी- धातु हस्तशिल्प सेवा केंद्र मुरादाबाद के महाप्रबंधक डॉ. रविंद्र शर्मा बोले यहां पर अंतरराष्ट्रीय टेस्टिंग होने से निर्यातकों व उनके कर्मचारियों का बचेगा काफी समय
मुरादाबाद, 16 फरवरी (Udaipur Kiran) । विश्व प्रसिद्ध पीतलनगरी मुरादाबाद में तैयार होने वाले पीतल उत्पादों पर महानगर में स्थित मेटल हैंडीक्राफ्ट सर्विस सेंटर (एमएचएससी) में अंतरराष्ट्रीय मुहर लगेगी। इससे पीतल कारोबारियों की दिल्ली-मुंबई की दौड़ बच जाएगी। इससे निर्यातकों व उनके कर्मचारियों का काफी समय भी बचेगा। इसके साथ ही एमएचएससी में पीतल कारीगरों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। धातु हस्तशिल्प सेवा केंद्र मुरादाबाद के महाप्रबंधक का कहना है कि जिले में 2400 से अधिक निर्यातक हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुसार टेस्टिंग व प्रमाणीकरण की सुविधा न होने से उन्हें अपने उत्पादों को बेचने में कई तरह की परेशानी आती थी। इस सुविधा के प्रारंभ होने के बाद इस समस्या से काफी हद तक छुटकारा मिलेगा।
धातु हस्तशिल्प सेवा केंद्र मुरादाबाद के महाप्रबंधक डॉ. रविंद्र शर्मा ने रविवार को बताया कि पीतल कारीगरों की सुविधा के लिए पीतलनगरी में एमएचएससी पहले से है, जहां पीतल कारीगरों को ट्रेनिंग दी जाती है। हालांकि, यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानक के प्रमाणीकरण की सुविधा अभी तक नहीं थी। इसके कारण शहर के पीतल कारोबारियों व निर्यातकों को अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय प्रमाणीकरण के लिए दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में टेस्टिंग के लिए ले जाना पड़ता था। वहां उसकी कॉपी काभी खतरा रहता था। कई बार अंतरराष्ट्रीय स्तर का टेस्टिंग प्रमाणपत्र न होने पर उन्हें अपना उत्पाद बेचने में भी परेशानी होती थी। साथ ही निर्यातकों की लागत भी काफी बढ़ जाती थी। पीतल कारोबारियों और निर्यातकों की इस समस्या को देखते हुए पीतलनगरी स्थित एमएचएससी को स्मार्ट सिटी योजना के तहत करीब 34 करोड़ रुपये खर्च कर उच्चीकृत किया गया है। नई मशीनें लगाई गई हैं। जल्द ही इसके संचालन के लिए तकनीकी स्टाफ की नियुक्ति कर टेस्टिंग का काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद शहर में ही पीतल उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की मंजूरी मिलने लगेगी, जिससे निर्यातकों को काफी लाभ मिलेगा। पीतलनगरी में डेढ़ लाख से भी अधिक हस्तशिल्प कारीगर पंजीकृत हैं। इसके अलावा हजारों अकुशल कारीगर भी हैं। उन्हें यहां अब उच्चकोटि का प्रशिक्षण मिलेगा।
महाप्रबंधक डॉ. रविंद्र शर्मा ने बताया कि दुनिया में पीतलनगरी के नाम से विख्यात मुरादाबाद शहर की पीतल कारीगरी का डंका बजता है। यहां 2400 से अधिक निर्यातक हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुसार टेस्टिंग व प्रमाणीकरण की सुविधा न होने से उन्हें अपने उत्पादों को बेचने में कई तरह की परेशानी आती थी। अब जल्द ही शहर में ही उन्हें यह सुविधा मिलने लगेगी।
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल
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