HEADLINES

गुजरात बना वित्तीय अनुशासन का मॉडल, 21 बड़े राज्यों में सबसे कम ऋण-से-जीएसडीपी अनुपात

एनसीएईआर

वित्तीय नियमों में 96.7 प्रतिशत औसत अनुपालन के साथ गुजरात में देश में शीर्ष स्थान पर

गांधीनगर, 16 फरवरी (Udaipur Kiran) । गुजरात ने वित्तीय अनुशासन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) की नवीनतम रिपोर्ट में देश के 21 बड़े राज्यों में सबसे कम ऋण-से-जीएसडीपी अनुपात होने का गौरव हासिल किया है। एनसीएईआर की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2012-13 से लेकर 2022-23 तक यानी 10 सालों में गुजरात ने लगातार वित्तीय अनुशासन दिखाते हुए अपने ऋण-से-जीएसडीपी अनुपात को 4.5 प्रतिशत तक कम कर लिया है। उल्लेखनीय है कि ऐसा करने वाला गुजरात देश का एकलौता राज्य है।

अपने इसी प्रदर्शन को जारी रखते हुए वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी गुजरात ने अपना ऋण-से-जीएसडीपी अनुपात 2022-23 में 18.9 प्रतिशत की तुलना में घटाकर 18.2 प्रतिशत किया है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि गुजरात ने इसी समयावधि में 12 प्रतिशत की जीएसडीपी दर हासिल की और वित्तीय घाटे को मात्र 0.3 प्रतिशत तक सीमित रखने में सफलता प्राप्त की है।

गुजरात की उपलब्धि पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने की सराहना

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गुजरात ने ऋण-से- जीएसडीपी अनुपात में 4.5 प्रतिशत की कमी दर्ज की है, जो देश के 21 प्रमुख राज्यों में सर्वाधिक सुधार है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और हमारी सरकार की मजबूत वित्तीय नीतियों का परिणाम है।

वित्तीय अनुशासन में गुजरात 96.7 प्रतिशत औसत अनुपालन के साथ देश में शीर्ष

वित्तीय प्रबंधन में गुजरात के इन उपलब्धियों के पीछे कुछ प्रमुख कारण रहे हैं। इनमें राजस्व घाटा नियम का 90 प्रतिशत अनुपालन प्रमुख कारकों में से एक है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य ने अपने राजस्व खाते को संतुलित बनाए रखा है। वहीं, गुजरात ने राजकोषीय घाटा नियम का 100 प्रतिशत अनुपालन यह दर्शाता है कि गुजरात ने निर्धारित राजकोषीय घाटे की सीमा का पूरी तरह पालन किया। इतना ही नहीं, आउटस्टैंडिंग लायबिलिटीज नियम में भी 100 प्रतिशत अनुपालन से यह स्पष्ट होता है कि राज्य ने अपने ऋण बोझ को पूरी तरह नियंत्रित रखा और अनावश्यक उधारी से बचा। इन आंकड़े को समग्र रूप से देखें तो गुजरात ने इन तीनों महत्वपूर्ण वित्तीय अनुपालन नियमों में औसत अनुपालन 96.7 प्रतिशत दर्ज किया है जो देश में सबसे अधिक है और इस तरह से ये आंकड़े गुजरात को वित्तीय अनुशासन में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला राज्य बनाते हैं।

गुजरात की वित्तीय रणनीति बनी अन्य राज्यों के लिए मिसाल

भारतीय रिजर्व बैंक की स्टेट फाइनेंसेस रिपोर्ट ने भी गुजरात की वित्तीय मजबूती की पुष्टि की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों की तुलना में गुजरात की प्रतिभूतियों पर ब्याज दर का अंतर सबसे कम है, जो राज्य की मजबूत आर्थिक स्थिति को दर्शाता है।

नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) के विशेषज्ञ बैरी आइशेंग्रीन और पूनम गुप्ता के अनुसार, गुजरात उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है, जहां ऋण-से-जीएसडीपी अनुपात 20 प्रतिशत से कम है। यह आंकड़ा पंजाब जैसे राज्यों की तुलना में बेहद कम है, जहां यह अनुपात 50 प्रतिशत के करीब है।

उल्लेखनीय है कि नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च भारत का प्रमुख आर्थिक थिंक टैंक है, जो आर्थिक नीति और विकास से जुड़े गहन शोध करता है। यह संस्थान सरकार और निजी क्षेत्र के बीच एक प्रभावी भागीदार के रूप में कार्य करता है। 1956 में स्थापित यह संस्था आर्थिक अनुसंधान के क्षेत्र में विश्वसनीयता और विशेषज्ञता के लिए जानी जाती है।

—————

(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

Most Popular

To Top