
जयपुर, 15 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । जयपुर मेट्रो-द्वितीय की कॉमर्शियल कोर्ट-एक ने सांगानेर स्थित 848 रंगाई-छपाई इकाइयों से निकले अपशिष्ट के जल उपचार व प्रबंधन के लिए बनाए गए सीईटीपी की निर्माण राशि व इससे जुडी करीब 96 करोड रुपये की वसूली मामले में दावाकर्ता फर्म के पक्ष में निर्णय दिया है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि दावाकर्ता कंपनी राशि रिकवरी के लिए एसकेपीसीए यानि सांगानेर कपड़ा रंगाई छपाई एसोसिएशन के निदेशकों, पदाधिकारियों व सदस्यों के स्वामित्व वाली संपत्तियों व कपडा परिसरों को कुर्क करे और उनमें रखी गई चल-अचल संपत्ति को भी जब्त करें। कोर्ट ने यह आदेश मैसर्स एडवेंट एंवायरकेयर टेक्नोलॉजीज के अवार्ड निष्पादन प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अवार्ड धारक को देय राशि ऐसे यूनिट धारकों द्वारा तीन महीने में नहीं भुगतान की जाती है तो वे कुर्क किए गए परिसर व उनकी चल और अचल संपत्तियों को बोर्ड ऑफ कलेक्टर की मदद से प्राधिकृत अधिकारी द्वारा खुली नीलामी में बिक्री करेंगे, लेकिन इससे पहले सभी तरह की कानूनी कार्रवाई को भी पूरा किया जाएगा। कोर्ट ने जिला कलेक्टर जयपुर को निर्देश दिया है कि वे आदेश की पालना करवाने के लिए संबंधित प्राधिकृत अधिकारी को भी सहयोग करें। इसके अलावा जयपुर पुलिस कमिश्नर को भी निर्देश है कि वे आदेश की पालना के लिए मांगे जाने पर पुलिस सहायता मुहैया कराएंगे।
प्रार्थी कंपनी के सीनियर एडवोकेट अशोक मेहता ने बताया कि कंपनी ने जेडीए से आवंटित जमीन पर सीईपीटी प्लांट निर्माण के लिए एसोसिएशन से अनुबंध किया और 32.66 करोड रुपये की लागत से प्लांट भी बना दिया, लेकिन उन्हें इसकी राशि का भुगतान नहीं हुआ। इसे कंपनी ने चुनौती दी और उनके पक्ष में अवार्ड जारी हुआ, लेकिन इसके बाद भी देनदारों ने बकाया राशि का भुगतान नहीं किया। जिस पर कंपनी की ओर से कोर्ट में आदेश की पालना करवाए जाने के लिए अवार्ड निष्पादन प्रार्थना पत्र दायर किया गया था।
(Udaipur Kiran)
