मंडी, 15 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । भारत में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक शर्मा ने राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य एचपीवी टीकाकरण और नियमित जांच के महत्व के बारे में आम जनता, चिकित्सा विशेषज्ञों और नीति-निर्माताओं को जागरूक करना है।
डॉ. आलोक शर्मा जो मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र, सिविल अस्पताल सुंदरनगर में परामर्शदाता प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ और एचपीवी टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय संकाय सदस्य हैंए वर्षों से सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। सर्वाइकल कैंसर भारतीय महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है, फिर भी यह एक ऐसा कैंसर है जिसे समय पर टीकाकरण और नियमित जांच के माध्यम से पूरी तरह रोका जा सकता है। इस अभियान के माध्यम से हम महिलाओं को इस घातक बीमारी से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्रदान करना चाहते हैं, डॉ. शर्मा ने शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान कहा। सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा सर्विक्स में शुरू होता है और मुख्य रूप से ह्यूमन पैपिलोमा वायरस एचपीवी के संक्रमण के कारण होता है। हालांकि, एचपीवी संक्रमण आम है और अक्सर अपने आप ठीक हो जाता है, कुछ उच्च-जोखिम वाले प्रकार लंबे समय तक शरीर में बने रह सकते हैं और अंतत: कैंसर का रूप ले सकते हैं।
उन्होंने बताया कि एचपीवी सूचना केंद्र के अनुसारए भारत में सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बना हुआ है। इसके हर साल 1,22,844 नए मामले सामने आते हैं। यह भारतीय महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है। यह महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा प्रमुख कारण है।
सर्वाइकल कैंसर के खतरे
उन्होंने बताया कि कुछ कारक इस बीमारी के खतरे को बढ़ा सकते हैं, जैसे पहली बार कम उम्र में यौन संबंध बनाना। एक से अधिक यौन साथी होना, धूम्रपान और पोषण की कमी, लंबे समय तक ओरल कंट्रासेप्टिव, गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण : इस बीमारी के शुरुआती चरणों में कोई विशेष लक्षण नहीं होते, इसलिए नियमित जांच बेहद आवश्यक है। हालांकि, कुछ चेतावनी संकेत हो सकते हैं। जिसमें मासिक धर्म के बीच, संभोग के बाद या रजोनिवृत्ति मेनोपॉज के बाद योनि से असामान्य रक्तस्राव,लगातार दुर्गंधयुक्त योनि स्राव आदि।
सर्वाइकल कैंसर को रोका जा सकता है
डॉ. शर्मा ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम पूरी तरह संभव है, यदि तीन प्रमुख उपाय अपनाए जाएं। जिसमें जागरूकता ,बीमारी के जोखिम कारकोंए लक्षणों और रोकथाम के तरीकों की जानकारी देना बेहद जरूरी है। नियमित जांच स्क्रीनिंग,रूटीन जांच से गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर से पहले होने वाले परिवर्तनों का समय पर पता लगाया जा सकता है।
—————
(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
