
हमीरपुर, 15 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । ठाकुर रामसिंह इतिहास शोध संस्थान नेरी हमीरपुर द्वारा संस्थान के संस्थापक श्रद्धेय ठाकुर रामसिंह के 110वें जन्मदिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रो. मोती राम शर्मा ने ठाकुर रामसिंह की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने इतिहास को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि आज के समय में हमें अपनी समृद्ध संस्कृति को कभी नहीं भूलना चाहिए और आधुनिकता के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने की जरूरत है। उन्होंने युवा पीढ़ी को अपने संस्कारों और संस्कृति से जुड़े रहने की सलाह दी और कहा कि भारतीय दृष्टि से ही भारत के गौरवमयी इतिहास को समझा जा सकता है।
प्रो. शर्मा ने यह भी कहा कि भारतीय साहित्य जैसे रामायण, महाभारत, वेद-पुराण आदि का अध्ययन हमें अपने गौरवशाली इतिहास को जानने में मदद करता है। यह साहित्य न केवल इतिहास का स्रोत है, बल्कि संस्कार देने का कार्य भी करता है। उन्होंने बताया कि ठाकुर रामसिंह का जीवन उद्देश्य भारत के गौरवशाली इतिहास का पुनर्लेखन करना था और इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए शोध संस्थान की स्थापना की गई थी।
इस अवसर पर एम.आर. वैरागी ने ठाकुर रामसिंह के जीवन पर आधारित एक कविता प्रस्तुत की।
कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. सोहुण राम शर्मा ने कहा कि ठाकुर रामसिंह जी हमेशा कहते थे कि जो इतिहास पढ़ाया जा रहा है, वह केवल इतिहास का एक पक्ष है। उन्होंने कहा कि इतिहास की वास्तविकता केवल राजाओं तक सीमित नहीं है बल्कि इसे समाज, देश और संस्कृति से जोड़ने की आवश्यकता है। डॉ. शर्मा ने यह भी कहा कि नई शिक्षा नीति में इन विषयों का समावेश किया गया है और समाज एवं परिवार का भी अपना एक इतिहास है, जिसे समझने और जानने की जरूरत है।
कार्यक्रम का समापन ठाकुर रामसिंह जी के योगदान को याद करते हुए हुआ, और सभी ने मिलकर उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर बबली देवी अध्यक्ष जिला परिषद् हमीरपुर और कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. सोहुण राम शर्मा सेवानिवृत आचार्य, डेक्कन महाविद्यालय पुणे उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि बबली देवी ने अपने संबोधन में ठाकुर रामसिंह जी के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि ठाकुर रामसिंह की प्रेरणा से शोध संस्थान नेरी निरंतर अग्रणी कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज इस संस्थान के कार्यों की हर जगह सराहना हो रही है और यहां हो रहे शोध कार्य समाज के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। उन्होंने सभी से ठाकुर रामसिंह के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके मार्ग का अनुसरण करने का आह्वान किया।
इस मौके पर हवन-यज्ञ, भजन-कीर्तन और सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला
