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देहरादून, 15 फरवरी (Udaipur Kiran) । प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वन प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाने, स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करने और आधुनिक तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर और अधिक कार्य किए जाने की जरूरत है।
वन मंत्री ने भारतीय वन सेवा संघ (आईएफएसए) के वार्षिक सम्मलेन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में वनों का संरक्षण अहम कार्य है और इस कार्य को सभी अधिकारी व कर्मचारी पूरी तत्परता से करें। सम्मेलन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियो व कर्मचारियों को पुरस्कृत करने के लिए राज्यपाल उत्कृष्ट सेवा पदक, मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक आदि पुरस्कारों का अनुरोध किया गया।
सम्मेलन में वन्यजीव हमलों में शहीद होने वाले वन कर्मियों को वन शहीद का दर्जा देने के साथ ही 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करने का प्रस्ताव रखा गया। इसके अलावा अग्रिम पंक्तियों के वन कर्मचारियों के लिए गढ़वाल (देहरादून क्षेत्र) और कुमाऊं (हल्द्वानी क्षेत्र) में एक-एक फारेस्ट लाइन स्थापित करने का अनुरोध किया गया। इन फारेस्ट लाइन्स में राज्य के सुदूर वन क्षेत्रों में सेवारत वन अधिकारी व कर्मचारियों के परिवारों के लिए आवास निर्माण प्रस्तावित किया गया। सम्मेलन में प्रमुख वन संरक्षक डॉ धनंजय मोहन, कपिल लाल आदि मौजूद रहे।
(Udaipur Kiran) / Vinod Pokhriyal
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