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शिमला, 15 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । हरियाणा विधानसभा में लोकसभा सचिवालय के संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण और प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने लोकतांत्रिक प्रणाली में विधायिका की भूमिका पर प्रकाश डाला।
पठानियां ने कहा कि समय के साथ व्यवस्थाएँ बदलती हैं और तकनीकी विकास के साथ विधायिका की जिम्मेदारियां भी बढ़ी हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब भारत आज़ाद हुआ था, तब जनसंख्या लगभग 34 करोड़ थी जो अब बढ़कर 140 करोड़ के करीब पहुँच चुकी है। इस जनसंख्या विस्फोट के साथ सांसदों और विधायकों की जिम्मेदारियां भी बढ़ी हैं।
उन्होंने कहा कि आज के युग में तकनीकी विकास ने सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है। डिजिटल इंडिया ने कार्य में दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाई है। पठानियां ने विधायकों से अनुरोध किया कि वे समय के साथ चलें और अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह निभाएं। उन्होंने विधायकों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि वे सदन की बैठकों में सक्रिय रूप से भाग लें, सार्थक चर्चाओं में हिस्सा लें और समिति कार्यों में रुचि दिखाएं।
पठानियां ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा का उदाहरण देते हुए कहा कि यह देश की पहली ई-विधान प्रणाली को अपनाने वाली विधानसभा है और अब सभी राज्य नेशनल ई-विधान प्रणाली को अपना रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं धर्मशाला स्थित तपोवन विधानसभा परिसर में इस प्रणाली की शुरुआत की है।
उन्होंने यह भी कहा कि आजकल कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग जैसे नवाचार हमारे जीवन, काम और तकनीक के साथ हमारी बातचीत के तरीकों को बदल रहे हैं। यह तकनीक न केवल भविष्य की अवधारणाएं हैं बल्कि वर्तमान की प्रगति भी हैं, और हमें इन्हें समझने और अपनाने की जरूरत है।
पठानियां ने आगे कहा कि विधानसभा सदस्य लोकतांत्रिक प्रणाली के महत्वपूर्ण प्रतिनिधि होते हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि उनके निर्वाचन क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। विधायकों की भूमिका, जिम्मेदारियां और शक्तियां नागरिकों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने और अपने प्रतिनिधियों को जवाबदेह बनाने में मदद करती हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत से पहले हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां को शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला
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