
यूनिवर्सिटी टेक्नोलॉजी मलेशिया के वैज्ञानिक डा. नूरहाफिजा बंटी हासिम ने
गुजवि में दिया विशेष व्याख्यान
भौतिकी संघ के सौजन्य से ‘सेल्फ क्लीनिंग स्मार्ट मेटीरियल्स’ विषय पर हुआ व्याख्यान
हिसार, 15 फरवरी (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
में यूनिवर्सिटी टेक्नोलॉजी मलेशिया (यूटीएम) के संयुक्त तत्वाधान में ‘सेल्फ क्लीनिंग
स्मार्ट मेटीरियल्स’ विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता
यूटीएम के प्रसिद्ध संकाय सदस्य एवं शोधकर्ता डॉ. नूरहाफिजा बंटी हासिम थे। डा. हासिम
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई से भी मिले।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि डा. हासिम का यह व्याख्यान गुजविप्रौवि
और शीर्ष-स्तरीय वैश्विक शोध संगठनों, विशेष रूप से यूटीएम के बीच चल रहे आदान-प्रदान
में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इस व्याख्यान ने सहयोग के नए अवसरों पर
प्रकाश डाला, जिससे भविष्य में संयुक्त शोध और विकास पहलों का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
यह कार्यक्रम वैज्ञानिक अनुसंधान को आगे बढ़ाने, नवाचार और सतत विकास को बढ़ावा देने
के लिए गुजविप्रौवि की अटूट प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
कुलसचिव डा. विजय कुमार ने डा. हासिम को प्रशंसा पत्र प्रदान किया। उन्होंने
कहा कि डॉ. हासिम द्वारा साझा की गई अंतर्दृष्टि से सैल्फ-क्लीनिंग मेटीरियल्स में
आगे के शोध को बढ़ावा मिलेगा। भौतिकी विभाग के सेमिनार हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में डा. हासिम ने विद्यार्थियों,
शिक्षकों व शोधकर्ताओं को भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में विश्व स्तर पर हो रहे नए शोधों
और संभावनाओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि निर्माण, स्वास्थ्य सेवा और उपभोक्ता
उत्पादों जैसे उद्योगों में सेल्फ क्लीनिंग मेटीरियल्स की क्रांतिकारी परिवर्तन करने
की क्षमता है। ये सामग्रियां खुद को साफ कर सकती हैं, जिससे मैन्युअल रखरखाव और सफाई
की आवश्यकता काफी कम हो जाएगी। यह नवाचार न केवल सफाई की लागत को कम करता है, बल्कि
हानिकारक रसायनों और संसाधनों पर निर्भरता को कम करके स्थिरता को भी आगे बढ़ाता है।
डॉ. हासिम ने हाइड्रोफोबिक सर्फेजिज तथा फोटोकैटलिटिक कोटिंग्स जैसे सेल्फ
क्लीनिंग मेटीरियल्स स्वाभाविक रूप से गंदगी और दूषित पदार्थों को दूर रखते हैं। उन्होंने
इन सामग्रियों को रोजमर्रा की जिंदगी में लागू किया जाना चाहिए ये मानव के लिए अत्यंत
उपयोगी हो सकती हैं।
भौतिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. आरएस कुंडू ने स्वागत संबोधन में विद्यार्थियों
व शिक्षकों को शैक्षणिक दृष्टिकोण को व्यापक बनाने में इस व्याख्यान के महत्व पर प्रकाश
डाला। विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित शिक्षाविद प्रो. देवेंद्र मोहन ने इस अवसर पर कहा
कि गुजविप्रौवि को स्मार्ट सामग्रियों के क्षेत्र में डॉ. हासिम के अग्रणी शोध को जानने
का अवसर मिला है। उन्होंने डा. हासिम की सेल्फ क्लीनिंग टेक्नोलॉजी के विकास में उनके
योगदान पर भी प्रकाश डाला।
इस विशेष व्याख्यान का आयोजन भौतिकी संघ के तत्वावधान में प्रो. नीतू अहलावत,
डॉ. हरदेव सिंह, डॉ. विवेक गुप्ता व रवि भाटिया द्वारा किया गया। डा. हासिम ने व्याख्यान
के बाद विभाग के शिक्षकों के साथ सीधा संवाद भी किया तथा ‘सेल्फ क्लीनिंग स्मार्ट मेटीरियल्स’
विषय में शोध की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने शिक्षकों व प्रतिभागियों की शंकाओं का
समाधान भी किया। इस अवसर पर विभाग के अन्य शिक्षक, शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
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