Jammu & Kashmir

जम्मू-कश्मीर को तत्काल राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की

जम्मू-कश्मीर को तत्काल राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की

जम्मू, 14 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) के प्रांतीय अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर को तत्काल राज्य का दर्जा बहाल करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि केवल एक लोकप्रिय निर्वाचित सरकार ही क्षेत्र में शांति, समृद्धि और समग्र विकास सुनिश्चित कर सकती है। शुक्रवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में गुप्ता ने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को केवल पूर्ण प्रशासनिक और विधायी नियंत्रण वाली पूरी तरह से सशक्त राज्य सरकार के माध्यम से ही पूरा किया जा सकता है। उन्होंने वर्तमान शासन संरचना की आलोचना करते हुए कहा कि पूर्ण राज्य का दर्जा न होने से वर्तमान प्रशासन अक्षम हो गया है, वह स्वतंत्र रूप से काम करने और जनता की शिकायतों को प्रभावी ढंग से दूर करने में असमर्थ है।

उन्होंने कहा जम्मू-कश्मीर के लोग अपने प्रतिनिधियों को चुनकर लोकतांत्रिक तरीकों से अपनी इच्छा व्यक्त कर चुके हैं फिर भी राज्य का दर्जा न होने से वे अपने मौलिक अधिकारों से वंचित हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने बार-बार राज्य का दर्जा बहाल करने का आश्वासन दिया है लेकिन वे वादे अधूरे हैं जिससे लोग निराश हैं। मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए गुप्ता ने हाल ही में अखनूर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास एक आईईडी विस्फोट में एक कैप्टन सहित दो सैन्यकर्मियों की शहादत की ओर इशारा करते हुए इसे क्षेत्र में अस्थिर स्थिति की एक कड़ी याद दिलाई। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल एक स्थिर और जवाबदेह सरकार ही सुरक्षा चिंताओं, रणनीतिक नीति निर्माण और जन कल्याण से प्रभावी ढंग से निपट सकती है।

उन्होंने आगे बढ़ती बेरोजगारी पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि केवल पूर्ण स्वायत्तता वाली एक लोकप्रिय सरकार ही आर्थिक संकट को प्रभावी ढंग से संबोधित कर सकती है और रोजगार सृजन के लिए सार्थक समाधान प्रदान कर सकती है। केंद्र सरकार से अपनी प्रतिबद्धता पर काम करने का आह्वान करते हुए गुप्ता ने अगले विधानसभा चुनावों से पहले राज्य का दर्जा तुरंत बहाल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा जम्मू-कश्मीर के लोगों ने काफी इंतजार किया है। राज्य का दर्जा केवल एक राजनीतिक आवश्यकता नहीं है, बल्कि एक संवैधानिक और नैतिक दायित्व है जिसे जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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