
उज्जैन, 14 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार ने शुक्रवार को उज्जैन प्रवास के दौरान शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद चिकित्सालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने लायब्रेरी, लिफ्ट और गर्भाधान संस्कार कक्ष का भी लोकार्पण किया। इस अवसर पर विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा और चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधिकारी जे पी चौरसिया भी उपस्थित थे।
चिकित्सकों को संबोधित करते हुए मंत्री परमार ने कहा कि प्रदेश को आयुर्वेद शिक्षा और चिकित्सा के माध्यम से हमें स्वास्थ्य सेवाओं में प्रथम स्थान पर लाना होगा। इसके लिए आप सभी को कर्म योगी बनकर काम करना होगा। दुनिया की सबसे प्राचीन, आधुनिकतम और ज्ञान पर आधारित हमारे आयुर्वेद पद्धति सबसे विशिष्ट है। इस चिकित्सा पद्धति को आम जनता तक पहुंचाने और उसके लाभ से अवगत करने के लिए हमें लगातार प्रयास करना होंगे।
मंत्री परमार ने बताया कि भारत प्राचीन काल से ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्वगुरु रहा है। अनेक प्रकार की बीमारियों के लक्षण को पहचानना उसका अनुसंधान करना और उसका उपचार करना हमारी विशेषता रही है, आने वाले समय में हम विश्व गुरु के रूप में स्थापित होने के लिए आयुर्वेद को भी एक प्रमुख माध्यम बनाना चाहते हैं। सिकल सेल जैसी बीमारी का इलाज आयुर्वेद में बेहतर तरीके से किया जा सकता है इसके लिए जरूरी है कि वनवासी क्षेत्र में हम आयुर्वेद से उपचार की सुविधा उपलब्ध कराये।
उन्होंने कहा कि आप देवदूत बनकर काम करें। लोग की सेवा करें और समाज में अपना श्रेष्ठ स्थान बनाएं हमारे प्राचीनतम उपचार पद्धति का उपयोग कर हम यदि समाज सेवा करते हैं तो उससे हमें कई गुना लाभ मिलेगा। परमार ने वार्षिक रिपोर्ट का भी विमोचन किया।
चिकित्सालय के निरीक्षण के बाद आयुष मंत्री परमार ने शासकीय धनवंतरी आयुर्वेद महाविद्यालय पहुंचकर भगवान श्री धन्वंतरि की पूजा की और आयुर्वेदिक महाविद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि शासन के द्वारा प्रदेश मे पांच आयुर्वेदिक कॉलेज की अनुमति प्रदान की गई है। इसी के साथ दो 50 बिस्तर अस्पताल की अनुमति भी मिली है। जिसका निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। यूनानी चिकीत्सा शिक्षा में केवल उर्दू में पढ़ाई होती थी। अब उर्दू के साथ हिंदी और अंग्रेजी भाषा में भी पढ़ाई शुरू की जाएगी। जिससे सब सभी लोगों को इसका लाभ मिल सके।
परमार के द्वारा आधुनिक व्यायाम शाला का भी लोकार्पण किया। इसके साथ औषधि महाविद्यालय के छात्रों के लिए टर्फ ग्राउंड, बस सेवा, औषधि वन,नवनिर्मित लाइब्रेरी के लोकार्पण के समय निर्देश दिए कि इस लाइब्रेरी का नाम अमरकोश की रचना करने वाले हमारे विद्वान अमर सिंह के नाम पर रखा जाए। उन्हों निर्देश दिये कि आयुर्वेद महाविधालय मे दवाई अनुसंधान केंद्र बनाऐं। सभी कालेज आयुर्वेद औषधियों का निर्माण भी करे| लाइब्रेरी की सभी किताबों का ई फॉर्मेट तैयार किया जावे और यह सभी के लिए उपलब्ध हो।
मंत्री परमार की अध्यक्षता में आयोजित आयुर्वेद महाविद्यालय की साधारण सभा में प्रस्तावों पर चर्चा की गई। उन्होंने निर्देश दिए कि आयुर्वेद महाविद्यालय के साथ ही 50 बिस्तर चिकित्सालय पास में ही होना चाहिए। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को जमीन चिंहित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। साधारण सभा की बैठक मे संभाग आयुक्त संजय गुप्ता ने पुरानी आडिट आपत्ति खत्म करने के निर्देश दिये। बैठक में विधायक सतीश मालवीय, अनिल जैन कालुहेड़ा, जे पी चौरसिया और साधारण सभा के सदस्य उपस्थित थे। बैठक मे आय व्यय का लेखा भी प्रस्तुत किया गया।
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल
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