
जयपुर, 14 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । यशोदा जयंती फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाएगी। वर्ष 2025 में यह तिथि 18 फरवरी को प्रात 4 बजकर 53 मिनट से प्रारंभ होगी और 19 फरवरी को सुबह 7 बजकर 32 मिनट पर इस तिथि का समापन होगा। इस तरह यशोदा जयंती 18 फरवरी को उदया तिथि पर पड़ रहीं है, इसलिए यशोदा जयंती 18 फरवरी को मनाई जाएगी। यशोदा जयंती पर माता यशोदा और बाल गोपाल की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस विशेष पूजा-अर्चना से संतान की लंबी आयु और उन्नति के मार्ग खुलते है। घर में सुख-शांति का माहौल बनता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण को माता देवकी ने जन्म दिया। लेकिन परिस्थितियों के चलते माता यशोदा ने भगवान श्री कृष्ण लालन -पालन किया।इसलिए पूरा विश्व भगवान श्री कृष्ण को यशोदा के नंदलाला के रुप में पूजते है। इसलिए यशोदा जयंती पर उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा करने से माता और संतान दोनो को मातृत्व का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पंडित राजेंद्र शास्त्री के अनुसार यशोदा जयंती पर गेहूं से भरा तांबे का कलश यदि कोई जातक श्री कृष्ण मंदिर में चढ़ाता है तो उस जातक को भगवान श्री कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है और गृह क्लेश से निजात मिलती है। इसी के साथ माता यशोदा और श्री कृष्ण पर चढ़ाई गई मौली घर के मुख्य द्वार पर बांधे। ऐसा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते है। यशोदा जयंती पर घर के मुख्य द्वार पर ओम या स्वास्तिक बनाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
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(Udaipur Kiran)
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