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कानपुर, 13 फरवरी (Udaipur Kiran) । जेल में बंद महिलाओं के साथ रह रहे बच्चों को अब परिवार का दुलार मिलेगा। इसके साथ ही शासन से आर्थिक सहायता बेहतर शिक्षा के लिए मिलेगी। इस दिशा में सीडब्लूसी सदस्य व महानगर मजिस्ट्रेट देवेन्द्र प्रताप सिंह ने पहल की है। उनकी पहल पर जिला जेल कानपुर में बंद पांच महिला अपने बच्चों को परिवार को देने के लिए सहमति जता दी है। उन्होंने कहा कि जेल में रहने के दौरान बच्चों का मानसिक विकास बेहतर नहीं हो पाता। हम शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजेंगे कि ऐसे बच्चों को बाहर रहने में जो खर्च आए उसको शासन मुहैया कराये। यही नहीं गुरुवार को उन्होंने जेल अधीक्षक बीडी पाण्डेय से इस संबंध में मुलाकात भी की।
बाल कल्याण समिति (सीडब्लूसी) सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह ने दो महीने पहले कानपुर जिला जेल अधीक्षक बीडी पाण्डेय से उनके कार्यालय में महिला जेल बंदियों के जेल में साथ रह रहे बच्चों को उनके परिवार वालों को सुपुर्द करने के लिए मुलाकात करते हुए प्रस्ताव रखा गया था। इसके बाद जेल अधीक्षक ने महिला बंदियों के परिजनों को बुलाकर बच्चों को सुपुर्द करने की बात कहते हुए नौ बच्चाें से मिलकर उनके मन का हाल जानने की कोशिश करी। जिनमें से पांच बच्चों के परिवार वाले तैयार हो गए हैं।
देवेन्द्र सिंह ने ऐसे बच्चों को बेहतर भविष्य देने के इस प्रयास में जेल अधीक्षक के सार्थक सहयोग की सराहना की क्याेंकि पांच बच्चों को परिवार में भेजने के लिए उनके परिजनों को तैयार किया ताकि न्यायपीठ ऐसे सभी बच्चों को उनकी सुपुर्दगी की उनके विधिक कार्यवाही पूर्ण होते ही प्रमुखता से सुपुर्दगी का आदेश पारित करेगी। साथ ही उन बच्चों की निःशुल्क शिक्षा शहर के बेहतर स्कूलों में कराने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिशा निर्देश देगी। जेल अधीक्षक बीडी पांडेय ने निर्देशानुसार सभी बच्चों की पत्रावलियां शीघ्र पूरी करने की बात कही है।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
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