Uttar Pradesh

स्मार्टफोन प्रौद्योगिकी से दृष्टि परीक्षण में क्रांतिकारी बदलाव : प्रो. अनुभा गोयल

बच्चों की जांच करते विशेषयज्ञ

कानपुर, 13 फरवरी (Udaipur Kiran) । विज़न स्क्रीनिंग पहल समावेशी शिक्षा और समग्र छात्र कल्याण के मिशन में एक महत्वपूर्ण कदम है। चिकित्सा विशेषज्ञता के साथ-साथ मोबाइल प्रौद्योगिकी समाधानों को क्रियान्वित करके हम दृष्टि जांच को अधिक सुलभ और कुशल बना रहे हैं। इस स्क्रीनिंग प्रक्रिया में पीक अकइटी का उपयोग किया गया, जो एक चिकित्सकीय रूप से मान्य मोबाइल एप्लिकेशन है, जो स्मार्टफोन प्रौद्योगिकी के माध्यम से दृष्टि परीक्षण में क्रांतिकारी बदलाव प्रदान करता है। दो-चरणीय मूल्यांकन में पीईईके एक्यूटी ऐप का उपयोग करके प्रारम्भिक स्क्रीनिंग शामिल थी। जिसके बाद रामा मेडिकल कॉलेज, कानपुर के योग्य ऑप्टोमेट्रिस्ट द्वारा व्यापक अपवर्तन परीक्षण किए गए। यह जानकारी गुरुवार को आईआईटी कानपुर की सीडीएपी समन्वयक प्रो. अनुभा गोयल ने दी।

भारतीय पौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) के सेंटर फॉर डिफरेंटली एबल्ड पर्सन (सीडीएपी) ने स्कूली छात्रों के लिए अपनी पहली व्यापक दृष्टि जांच पहल की शुरुआत करके एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया। पांच से पंद्रह वर्ष की आयु के बच्चों को लक्षित करने वाले इस कार्यक्रम ने दृष्टि सम्बंधी समस्याओं का जल्द पता लगाने के लिए चिकित्सा विशेषज्ञता और नवीन तकनीक को एकीकृत किया। केंद्रीय विद्यालय आईआईटी कानपुर में आयोजित उद्घाटन स्क्रीनिंग कार्यक्रम में अग्रणी मोबाइल प्रौद्योगिकी और पेशेवर चिकित्सा विशेषज्ञता का उपयोग करके 108 छात्रों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इस पहल का नेतृत्व प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीत कुमार, राजेश सानल और अग्निव कुमार के सहयोग से किया गया।

डॉ. विनीत कुमार ने कर्नाटक में अपने प्रोजेक्ट विज़न पहल से प्रेरणादायी सफलता की कहानियाँ साझा करते हुए बताया कि मिशन के तहत 2,40,000 से ज़्यादा बच्चों की जाँच और 12,000 से ज़्यादा ज़रूरतमंद बच्चों को चश्मे मुहैया कराए गए हैं। सत्र के दौरान, उन्होंने डिजिटल युग में आँखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के बारे में बहुमूल्य जानकारी भी दी, जिसमें बाहरी गतिविधियों और उचित नेत्र देखभाल प्रथाओं के महत्व पर ज़ोर दिया गया।

(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप

Most Popular

To Top