
– रिटायरमेंट के 11 दिन बाद सरकार ने सौंपी नई जिम्मेदारी, सवा महीने से खाली था पद
भोपाल, 12 फरवरी (Udaipur Kiran) । गृह एवं परिवहन विभाग से 31 जनवरी को अपर मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए एसएन मिश्रा पर मोहन यादव सरकार ने फिर भरोसा जताया है। रिटायरमेंट के 11 दिन बाद राज्य शासन ने उन्हें प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग के सदस्य की नई जिम्मेदारी सौंपी है। एसएन मिश्रा रिटायर्ड अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव की जगह लेंगे।
दरअसल, मनोज श्रीवास्तव को सरकार ने राज्य निर्वाचन आयुक्त बनाया था। मिश्रा अब प्रदेश में नए जिलों, संभागों, तहसीलों, जनपदों और अन्य प्रशासनिक सीमाओं के गठन को लेकर अफसरों, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों से सुझाव लेकर राज्य शासन को रिपोर्ट सौंपेंगे।
मोहन यादव सरकार ने करीब सवा महीने के अंतराल के बाद मध्य प्रदेश प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग के पद पर नए सदस्य के रूप में एसएन मिश्रा की नियुक्ति की है। इसके चलते धीमी पड़ी प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग की बैठकों की कार्यवाही अब तेज होगी। उधर जनगणना का काम तीस जून तक चलने की स्थिति को देखते हुए चार माह में प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव की संभावना तेज हो गई है।
प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग के सदस्य के तौर पर पूर्व एसीएस मनोज श्रीवास्तव ने कई संभागों में बैठक कर लोगों से सुझाव भी लिए थे। इसके बाद आयोग के एक अन्य सदस्य और रिटायर्ड आईएएस मुकेश कुमार शुक्ला अपने स्तर पर जिलों में बैठकें ले रहे थे। बताया जाता है कि अब जल्दी ही आयोग के नए सचिव की नियुक्ति भी सरकार द्वारा की जाएगी।
रिपोर्ट आने के बाद नए जिलों के गठन का मौका
31 दिसम्बर 2024 तक प्रदेश की प्रशासनिक सीमाओं को फ्रीज किए जाने की रिपोर्ट मांग चुका केंद्रीय गृह मंत्रालय का जनगणना निदेशालय अब अपना काम छह माह आगे बढ़ा चुका है। निदेशालय ने 30 जून तक प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव की सहमति देते हुए 30 जून की स्थिति में सीमाएं फ्रीज करने की रिपोर्ट मांगी है। ऐसे में मोहन यादव सरकार के पास मौका है कि प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग में नए सदस्य की नियुक्ति कर तेजी से बैठकें कराने और सुझाव लेने का काम पूरा कराकर नए जिलों और संभागों का गठन सरकार कर सकती है। ऐसा नहीं हुआ तो जनगणना शुरू होने के पश्चात एक साल तक नए जिले, संभाग और अन्य प्रशासनिक इकाइयों का गठन नहीं किया जा सकेगा।
(Udaipur Kiran) तोमर
