Assam

पूसीरे ने नगालैंड के शोखुवि-मोलवोम सेक्शन में पहला मालगाड़ी का सफलतापूर्वक ट्रायल रन किया

पूसीरे द्वारा जारी तस्वीर।

गुवाहाटी, 12 फरवरी (Udaipur Kiran) । पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) ने 11 फरवरी को धनसिरी-जुब्जा नई लाइन परियोजना के शोखुवि-मोलवोम रेलवे सेक्शन में मल्टी यूनिट (एमयू) इंजनों के साथ एक मालगाड़ी का पहला ट्रायल रन सफलतापूर्वक किया। इससे नगालैंड में रेल संपर्क को बढ़ावा देने में एक उल्लेखनीय माइलस्टोन दर्ज हुआ है। यह ट्रेन लगभग 18:00 बजे मोलवोम पहुंची, जो इस 15.419 किमी के महत्वपूर्ण रेलवे सेक्शन के चालू होने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसे अगले कुछ महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

पूसीरे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने आज एक बयान में बताया है कि सफल ट्रायल रन मोलवोम क्षेत्र और उसके रेलवे स्टेशन के लिए काफी महत्व रखता है, जो डिमापुर और शोखुवि स्टेशनों के बाद नगालैंड का तीसरा प्रमुख रेलवे स्टेशन बनेगा। बेहतर रेल संपर्क क्षेत्रीय गतिशीलता को महत्वपूर्ण बढ़ावा प्रदान करेगी, जिससे नगालैंड के लोगों को देश के व्यापक रेलवे नेटवर्क तक निर्बाध पहुंच मिलेगी। एक बार पूरी तरह से चालू हो जाने पर, नया रेल लिंक यात्रियों और माल की बेहतर आवाजाही को सुविधा प्रदान करेगा, लॉजिस्टिक संबंधी अंतर को पाटेगा और आर्थिक विकास को अधिक बढ़ावा मिलेगा।

इसके अलावा, इस विकास से मोलवोम क्षेत्र में स्थानीय व्यापारियों, उद्यमियों और व्यावसायिक इकाइयों को उनके माल और सामग्रियों के लिए एक विश्वसनीय और लागत प्रभावी परिवहन विकल्प प्रदान करने से अत्यधिक लाभ होने की उम्मीद है। रेलवे की माल ढुलाई सेवाओं के चालू होने से, स्थानीय उद्योग और लघु श्रेणी के निर्माता राष्ट्रीय बाजारों तक सीधे पहुंच सकेंगे, जिससे वे अपने तैयार उत्पादों को पूरे देश में कुशलता से व्यापार कर सकेंगे। बेहतर कनेक्टिविटी से नए व्यावसायिक अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा, निवेश आकर्षित होगा और नागालैंड के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा।

पूर्वोत्तर क्षेत्र और उसके आस-पास के क्षेत्रों में रेल कनेक्टिविटी का विस्तार और सुदृढ़ीकरण करने के लिए पूसीरे समर्पित है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रेल परिवहन का लाभ क्षेत्र के हर कोने तक पहुंचे। शोखुवि-मोलवोम सेक्शन पर मालवाहक इंजन का सफल परीक्षण बुनियादी संरचना के आधुनिकीकरण की दिशा में पूसीरे के प्रयासों का प्रमाण है, जिससे अधिक भू-भागों से जुड़े और आर्थिक रूप से जीवंत नागालैंड का मार्ग प्रशस्त होगा।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

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