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बिग डाटा एनालिटिक्स की महत्ता से रूबरू हो रहे सीयू के संकाय सदस्य

कार्यशाला में हिस्सा लेते प्रतिभागी।

धर्मशाला, 12 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के शिक्षा विभाग और आईआईटी गुवाहाटी के संयुक्त तत्वावधान में बिग डाटा एनालिटिक्स पर पांच दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम का उद्घाटन शिक्षा स्कूल के अधिष्ठाता एवं विभागाध्यक्ष प्रो. मनोज सक्सेना ने किया। उन्होंने बिग डाटा एनालिटिक्स के क्षेत्र में हो रहे बदलावों और इसके महत्व पर विस्तार से चर्चा की।

बिग डाटा में रोजगार और अनुसंधान के नए अवसर

कार्यक्रम के आयोजक डॉ. ललित मोहन शर्मा और सह-आयोजक डॉ. अमरीक सिंह ठाकुर ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बिग डाटा एनालिटिक्स के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है और आने वाले समय में इसमें रोजगार और अनुसंधान के कई नए अवसर उपलब्ध होंगे। डॉ. ललित शर्मा ने बताया कि कार्यशाला के दौरान शिक्षकों और शोधार्थियों को तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ विभिन्न व्यावहारिक कौशल भी सिखाए जाएंगे, जिससे वे अपने शिक्षण और शोध कार्यों में नवीनतम तकनीकों का उपयोग कर सकें।

आईआईटी गुवाहाटी के विशेषज्ञ ने दी तकनीकी जानकारी

कार्यक्रम में आईआईटी गुवाहाटी से आए विशेषज्ञ अनितान्शु राजन ने बिग डाटा एनालिटिक्स के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि डेटा का सही विश्लेषण और उसका प्रभावी उपयोग कैसे किया जा सकता है। उन्होंने इसके व्यावहारिक उपयोगों पर भी चर्चा की और बताया कि किस प्रकार बिग डाटा एनालिटिक्स उद्योगों और शोध कार्यों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

टेबलो डेस्कटॉप और पावर बीआई का उपयोग समझाया

कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को टेबलो डेस्कटॉप और पावर बीआई डेस्कटॉप सॉफ़्टवेयर के उपयोग के तरीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षकों ने व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक प्रतिभागी को टेबलो डेस्कटॉप के विभिन्न प्रकार के उपयोगों को समझाया, ताकि वे डेटा विश्लेषण और रिपोर्टिंग के कार्यों को सरल और प्रभावी बना सकें। दूसरे सत्र में पावर बीआई डेस्कटॉप के फीचर्स और उसके व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।

तकनीकी ज्ञान और अनुसंधान को मिलेगा बढ़ावा

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों और शोधार्थियों को बिग डाटा एनालिटिक्स के सिद्धांतों और उनके वास्तविक जीवन उपयोग के बारे में प्रशिक्षित करना है। साथ ही, उन्हें नवीनतम तकनीकी ज्ञान से लैस करना है, जिससे वे अपने पाठ्यक्रम को और अधिक प्रभावी बना सकें। कार्यक्रम में प्रौद्योगिकी, डेटा एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और संबंधित क्षेत्रों में नवीनतम जानकारियों को साझा किया गया।

(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया

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