Uttar Pradesh

समन्वय स्थापित करने  में निपुण थीं  माता अहिल्याबाई   :डॉ. राज बिहारी

समन्वय स्थापित करने  में निपुण थीं  माता अहिल्याबाई   :डॉ राज बिहारी
समन्वय स्थापित करने  में निपुण थीं  माता अहिल्याबाई   :डॉ राज बिहारी

सुल्तानपुर, 12 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । अहिल्याबाई होल्कर जन्म शताब्दी समारोह के मुख्य वक्ता मुख्य अतिथि डॉ. राजबिहारी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि रानी अहिल्याबाई होलकर की नीयत साफ थी इसलिए लोकमाता का दर्ज मिला । विपरीत एवं कठिन परिस्थितियों में अनेक लोगों से संपर्क कर अनेकानेक मंदिरों का जीर्णोद्धार एवं निर्माण कराया, जिसमें 12 ज्योतिर्लिंग के साथ कई प्रमुख मंदिर शामिल हैं । उन्हाेंने कहा कि हम सभी को रानी अहिल्याबाई का जीवन परिचय पढ़ना चाहिए और यह सीख लेना चाहिए कि उन्होंने आत्मकेंद्रित नहीं अपितु राष्ट्र, धर्म और समाज के लिए जीवन जिया।

अहिल्याबाई होल्कर जन्म शताब्दी समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी का आयोजन बुधवार को नगर के सरस्वती शिशु मन्दिर विवेकानंद नगर मे आयोजित किया गया। सह प्रांत कार्यवाह काशी प्रांत एवं एसोसिएट प्रोफेसर सी एम पी डिग्री कॉलेज प्रयागराज डॉ. बिहारी ने कहा कि एक राजा की सोच और विचार साफ होनी चाहिए। सबसे बड़ी बात नियति की होती है। नियति अच्छी होगी तो लोग सम्मान देंगे। अच्छी नियति सम्मान और आदर देता है । जीवन में सम्न्वय सबसे बड़ा गुण है। माता अहिल्याबाई के जीवन में सूचना तन्त्र, संपर्क , निश्चित ही बहुत मजबूत रहा होगा। इस वर्ष का महाकुंभ अद्भुत है।

डॉ. निशा प्रकाश सिंह ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर के बारे विस्तार से जानकारी दी। बताया कि 18वीं शताब्दी की इतनी बड़ी बिभूति को जो इतिहास में जो स्थान मिलना चाहिए, वह नहीं मिला।मालवा की गौरवमयी शासक, समाज सुधारक, महान नेत्री, पुण्यश्लोका अहिल्याबाई का जीवन भारतीय इतिहास का एक स्वर्णिम पर्व है। ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले सामान्य परिवार की बालिका से एक असाधारण शासनकर्ता तक की उनकी जीवन यात्रा आज भी प्रेरणा का महान स्त्रोत है। वह कर्तव्य, सादगी, धर्म के प्रति समर्पण, प्रशासनिक कुशलता, दूर दृष्टि एवं उज्जवल चरित्र का अद्वितीय आदर्श थीं।

उन्होंने महेश्वर को राजधानी बनाया था।

उन्होंने पांच सौ महिलाओं की एक सेना बनाई थी। उन्होंने एक पारिवारिक कोष का निर्माण भी किया था। उस समय 16 करोड़ उस कोष मे जमा हुआ था। अध्यक्षता कर रही सुषमा पाल ने कहा कि वह एक अच्छी शासक रहीं। देश मे कई मंदिरों का निर्माण कराया था। हमें उनके आचरण से सीख लेनी चाहिए।

विशिष्ट अतिथि के रूप मे संगीता पाल उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से रामराजी सरस्वती बालिका इंटर काॅलेज की बालिकाओं ने अहिल्यावाई होल्कर के जीवन पर शानदार झांकी से लोगों को मंत्र मुग्ध किया। प्रतियोगिता मे स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को मेडल देकर सम्मानित किया गया। संचालन अजय कुमार तिवारी ने किया। इस मौके पर विभाग प्रचारक श्रीप्रकाश , डॉ. विनोद कुमार सिंह, विभाग संघ चालक अरुण कुमार सिंह,अमर पाल सिंह, डॉ. रमाशंकर मिश्रा, डॉ. तारा सिंह, डॉ. तूलिका गुप्ता, आलोक कुमार आर्य आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / दयाशंकर गुप्ता

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