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नाहन, 12 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । अरुणाचल प्रदेश में आयोजित भारत लोक संगीत अरुणाचल उत्सव 2025 में सिरमौर की समृद्ध लोक सांस्कृतिक विरासत ने दर्शकों का मन मोह लिया। नामसाई में 9 से 11 फरवरी तक चले इस अंतरराष्ट्रीय उत्सव के समापन दिवस पर हिमाचल प्रदेश भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा सिरमौरी नाटी के सांस्कृतिक दल को विशेष प्रस्तुति के लिए भेजा गया। यह जानकारी वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर व प्रसिद्ध लोक कलाकार डॉ. जोगेंद्र हाब्बी ने प्रेस को दी।
तीन दिवसीय इस उत्सव में देश के विभिन्न राज्यों के कलाकारों के साथ भूटान और थाईलैंड जैसे देशों के नृत्यों का भी प्रदर्शन किया गया। हिमाचल प्रदेश भाषा एवं संस्कृति विभाग के निर्देशानुसार और सहायक निदेशक बिहारी लाल शर्मा के नेतृत्व में आसरा संस्था के कलाकारों ने उत्सव के समापन पर सिरमौरी नाटी की विभिन्न विधाओं को मंच पर प्रस्तुत किया।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चोउना मेन थे, जिन्होंने हिमाचली लोक संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय मंच पर देख खूब सराहना की। डॉ. जोगेंद्र हाब्बी के नेतृत्व में आसरा संस्था के कलाकारों ने महाभारत काल से जुड़े सिरमौर जनपद के आदिकालीन ठोडा नृत्य, दीपक, रिहाल्टी गी, मुंजरा, परात और रासा जैसी पारंपरिक नृत्य शैलियों को प्रस्तुत कर हजारों दर्शकों की तालियां बटोरीं।
सांस्कृतिक दल में लोक गायक रामलाल वर्मा, बिमला चौहान, वादकों में संदीप कुमार, देवीराम, सुनील और मुकेश, तथा नर्तकों में जोगिंदर हाब्बी, गोपाल हाब्बी, चमन लाल, अमीचंद, सरोज, अनु, आरती और पायल शामिल रहे। उनकी शानदार प्रस्तुतियों ने हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर बखूबी पेश किया।
आसरा संस्था के कलाकारों ने अरुणाचल प्रदेश सरकार और भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश का आभार व्यक्त किया। जिन्होंने सिरमौर जिले की समृद्ध सांस्कृतिक विधाओं को प्रदेश से बाहर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया।
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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर
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