HimachalPradesh

 शिलाई मिनी सचिवालय भवन निर्माण में घोटाले के आरोप, जांच की मांग

नाहन, 12 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । जिला सिरमौर के शिलाई उपमण्डल में बन रहे मिनी सचिवालय भवन निर्माण में इस्तेमाल हो रही सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए भ्रष्टाचार उन्मूलन महासंघ शिलाई ने एसडीएम शिलाई और लोक निर्माण विभाग को शिकायत पत्र सौंपा है। महासंघ ने निर्माण में हो रही अनियमितताओं और घटिया कार्यप्रणाली के लिए ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

भ्रष्टाचार उन्मूलन महासंघ के अध्यक्ष सुभाष राणा और सदस्य कामरेड बलदेव सिंह ने आरोप लगाया कि मिनी सचिवालय की नींव और सुरक्षा दीवारों में नाममात्र का सीमेंट इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बुधवार को बताया कि निर्माण में सीमेंट की मात्रा बेहद कम रखी गई है, जिसमें लगभग 24 तसले रेत और बजरी के साथ केवल एक तसला सीमेंट मिलाया जा रहा है। उनका कहना है कि इस अनुपात से बनाई गई नींव भविष्य में भवन के लिए खतरा बन सकती है, जो कभी भी ढह सकता है।

महासंघ ने मांग की है कि भवन निर्माण में इस्तेमाल हो रहे सामग्री के अनुपात की लैब टेस्टिंग करवाई जाए। शिकायत के बाद पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता रजनीश बंसल ने मौके पर जाकर स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि निर्माण में इस्तेमाल हो रहा जेके सुपर सीमेंट निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं है। उन्होंने निर्माण सामग्री और मिश्रण अनुपात की जांच के लिए लैब टेस्टिंग कराने का आश्वासन दिया है।

अधिशासी अभियंता ने कहा कि भवन निर्माण में घटिया गुणवत्ता को लेकर सोशल मीडिया और भ्रष्टाचार उन्मूलन महासंघ से शिकायतें मिली हैं। मौके का निरीक्षण किया गया है और यदि निर्माण में नियमों का उल्लंघन पाया गया, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। निर्माण सामग्री के नमूनों को लैब टेस्टिंग के लिए भेजा जाएगा और थोड़ी भी अनियमितता पाई गई तो ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर

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