Madhya Pradesh

आईटी और प्रौद्योगिकी में अग्रणी मध्य प्रदेश करेगा भारत के डिजिटल भविष्य का निर्माण

भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) का पोस्टर

– जीआईएस से खुलेंगे प्रगति के नए द्वार, इंदौर सहित अन्य शहर भी बन रहे टेक इनोवेशन और निवेश के नए हॉटस्पॉट

भोपाल, 11 फरवरी (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आईटी और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मध्य प्रदेश देश में सबसे तेजी से आगे बढ़ता हुआ राज्य बनने की ओर अग्रसर है, जिसे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) से नई ऊर्जा मिलेगी। इस सेक्टर के लिए समिट में अलग से सत्र आयोजित होगा। मध्य प्रेदश में 15 से अधिक आईटी पार्क और पांच आईटी एसईजेड हैं, जिनमें इंदौर में क्रिस्टल आईटी पार्क और इंफोसिस जैसे प्रमुख सेंटर शामिल हैं। ये पार्क विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर से युक्त हैं, जो टीसीएस, इंफोसिस और एक्सेंचर जैसी प्रमुख कंपनियों को आकर्षित करते हैं। नॉलेज सिटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर 2.0 जैसी आगामी परियोजनाएं इस इको सिस्टम को और मजबूत करने के लिए तैयार हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि परिवर्तन के दौर से गुजर रहे देश के तकनीकी इको सिस्टम के विकास के अगले केन्द्र टीयर-2 शहर हैं, जो टेक इनोवेशन और निवेश के नए हॉटस्पॉट बनते जा रहे हैं। इसकी वजह है यहां कम परिचालन लागत, उच्च जीवन स्तर और कुशल प्रतिभा पूल की उपलब्धता। टीयर-2 शहर अब तकनीकी कंपनियों की पसंद बनते जा रहे हैं। खास बात है कि मध्यप्रदेश इंफ्रास्ट्रक्चर, टेलेंट और लागत-दक्षता प्रदान करने वाला अग्रणी राज्य है। मध्य प्रदेश का व्यापक आईटी, आईटीईएस और सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। विश्व स्तरीय आईटी पार्क, नॉलेज और सॉफ्टवेयर हब के साथ सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित करने से निश्चित रूप से मध्य प्रदेश तकनीकी क्रांति की अगली लहर का नेतृत्व करेगा।

300 से अधिक तकनीकी शिक्षा संस्थान

जनसम्पर्क अधिकारी बबीता मिश्रा ने बताया कि मध्य प्रदेश की विशेषता है कि 300 से अधिक तकनीकी शिक्षा संस्थान सालाना 50 हजार से अधिक तकनीकी स्नातक तैयार करते हैं। आईआईटी इंदौर, आईआईएम इंदौर और आईआईआईटी ग्वालियर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान अत्यधिक कुशल युवाओं को गढ़ते हैं। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क उद्योग के लिए कौशल संपन्न पेशेवर तैयार करता है।

प्रगतिशील नीतियां

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश की प्रगतिशील नीतियां और इनोवेशन को बढ़ावा देने और तकनीक के क्षेत्र में विश्वस्तरीय दिग्गज कंपनियों को आकर्षित करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। मध्य प्रदेश का मजबूत पॉलिसी-स्ट्रक्चर प्रौद्योगिकी संचालित विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाने में राज्य की प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जिसमें आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम निवेश संवर्धन नीति 2023, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स पॉलिसी 2025, एवीजीसी-एक्सआर पॉलिसी 2025, ड्रोन संवर्धन और उपयोग नीति 2025 और सेमीकंडक्टर नीति 2025 शामिल हैं। ये नीतियां टेक इंफ्रास्ट्रक्चर के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए कई तरह के प्रोत्साहन और सहायता प्रदान करती हैं।

टेलेंट और इनोवेशन को बढ़ावा

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार के फोकस में उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ टेलेंट और इनोवेशन को बढ़ाते हुए आईटी पार्क, सॉफ्टवेयर हब और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में महत्वपूर्ण निवेश हैं। अग्रणी तकनीकी हब बनने की दृष्टि के साथ मध्य प्रदेश डिजिटल भविष्य को शक्ति प्रदान करने के रास्ते पर अग्रसर है। आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम निवेश संवर्धन नीति 2023 इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर केंद्रित है, जो कैपेक्स, भूमि, ब्याज छूट, मार्केटिंग और पेटेंट सहायता आदि प्रदान करती है। दूसरी ओर ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स पॉलिसी 2025 वैश्विक तकनीकी केंद्रों को आकर्षित करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जो कैपेक्स, पेरोल और अपस्किलिंग के लिए सब्सिडी, आरएंडडी को सपोर्ट करती है।

इसी तरह एवीजीसी-एक्सआर पॉलिसी-2025 एवीजीसी सेक्टर को सपोर्ट करते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण, उत्पादन संबंधी वित्तीय सहायता, उद्योग सहयोग और एवीजीसी-एक्सआर लैब की स्थापना आदि के लिए सहयोगी है। इसके अलावा ड्रोन संवर्धन और उपयोग नीति 2025 ड्रोन निर्माताओं और सेवा प्रदाताओं के लिए कैपेक्स सहायता, ड्रोन पाठ्यक्रमों के लिए प्रोत्साहन और अनुसंधान एवं विकास में सहयोग के साथ ड्रोन अपनाने को बढ़ावा देती है। इसके बाद सेमीकंडक्टर नीति 2025 महत्वपूर्ण है, जो कैपेक्स प्रोत्साहन और सीओई, पेरोल और कौशल विकास आदि के लिए सहयोग के साथ सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करती है।

परिवर्तनकारी निवेशों की लहर

जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश ने परिवर्तनकारी निवेशों की एक लहर देखी है, जो भारत के अगले बड़े तकनीकी केन्द्र के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करता है। इंदौर में एलटीआई माइंडट्री का 870 करोड़ रुपये का तकनीकी परिसर 10 हजार से ज्यादा नौकरियां प्रदान करेगा, जो आईटी सेवाओं और डिजिटल परिवर्तन परियोजनाओं में मध्यप्रदेश की भूमिका को मजबूत करेगा। रैकबैंक का डेटा सेंटर विस्तार में 644 करोड़ रुपये का निवेश मध्य प्रदेश के डिजिटल बुनियादी ढांचे और क्लाउड सेवाओं को मजबूत कर रहा है। हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज और कॉग्निजेंट क्रमशः 50 करोड़ रुपये और 80 करोड़ रुपये के निवेश के साथ अपनी उपस्थिति का और विस्तार कर रहे हैं। ये परियोजनाएं साल 2024 में हासिल किए गए 2,500 करोड़ रुपये के प्रौद्योगिकी निवेश के साथ मध्यप्रदेश को पारंपरिक आईटी केंद्रों के समक्ष एक बेहतर और सक्षम विकल्प बनाती हैं।

देश की डिजिटल क्रांति के साथ तालमेल

उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश न केवल देश की डिजिटल क्रांति के साथ तालमेल बना रहा है, बल्कि यह इसका नेतृत्व भी कर रहा है। एआई, साइबर सुरक्षा, एवीजीसी-एक्सआर और ड्रोन में राज्य का विजन इनोवेशन और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता की अगली लहर के लिए आधार तैयार कर रहा है। एआई और साइबर सुरक्षा में उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) की स्थापना, आगामी एवीजीसी, मीडिया पार्क और इनक्यूबेशन हब के साथ, अत्याधुनिक अनुसंधान और उद्योग सहयोग के लिए मध्य प्रदेश प्रतिबद्ध है। प्रगतिशील नीति ढांचे, विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और प्रचुर प्रतिभा पूल के साथ मध्यप्रदेश भारत का अगला प्रमुख टेक पॉवरहाउस बनने के रास्ते पर अग्रसर है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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