West Bengal

मकाउट में छात्रा की आत्महत्या पर हंगामा, परीक्षाएं रद्द

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (मकाउट)

विश्वविद्यालय ने स्वीकार की लापरवाही

कोलकाता, 11 फरवरी (Udaipur Kiran) । मौलाना अबुल कलाम आज़ाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (मकाउट) में एमटेक की छात्रा सायनी सेन की आत्महत्या के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने मंगलवार को होने वाली सभी परीक्षाएं रद्द कर दीं। इस घटना को लेकर छात्रों ने भारी विरोध प्रदर्शन किया, जिससे सोमवार रात से ही विश्वविद्यालय में तनाव बना हुआ है।

सायनी सेन, जो माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग की एमटेक प्रथम वर्ष की छात्रा थीं और पश्चिम बर्दवान के दुर्गापुर की रहने वाली थीं, ने सोमवार को परीक्षा हॉल में नकल करते हुए पकड़े जाने के बाद पांचवीं मंजिल से कूदकर जान दे दी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने दावा किया कि सायनी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी और उनका काउंसलिंग चल रहा था। वहीं, छात्रों का आरोप है कि एक शिक्षक द्वारा परीक्षा के दौरान उन्हें अपमानित किया गया, जिसके कारण उन्होंने यह कदम उठाया।

छात्रों का कहना है कि परीक्षा के दौरान शिक्षकों ने उनकी उत्तर-पुस्तिका ले ली थी, हालांकि 15 मिनट बाद लौटा भी दी गई। लेकिन परीक्षा खत्म होने के बाद वह अचानक लापता हो गईं। बाद में उनका शव अकादमिक भवन के पीछे रक्तरंजित मिला।

घटना के बाद छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। सबसे बड़ा सवाल यह उठा कि जब विश्वविद्यालय परिसर में दो एम्बुलेंस थीं, तो सायनी को अस्पताल क्यों नहीं पहुंचाया गया? छात्रों ने आरोप लगाया कि वह लगभग 40 मिनट तक घायल अवस्था में पड़ी रहीं, लेकिन उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल सका। पुलिस जब अस्पताल लेकर गई, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

मंगलवार को परीक्षा रद्द करने की घोषणा करते हुए विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति तापस चक्रवर्ती ने कहा कि छात्र आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने यह फैसला लिया है। उन्होंने माना कि एम्बुलेंस चालकों की गैरमौजूदगी विश्वविद्यालय की गंभीर लापरवाही थी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि निचले स्तर के कर्मचारियों पर प्रशासन का सीधा नियंत्रण नहीं होता।

वहीं, छात्रों ने मांग की है कि सायनी की मौत की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन को लेनी होगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और कार्यवाहक कुलपति ने छात्रों के साथ बैठक कर मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन विरोध अब भी जारी है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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