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इस्लामाबाद, 11 फरवरी (Udaipur Kiran) । अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से पाकिस्तान को तगड़ा झटका लगा है। आईएमएफ ने सरकारी अधिकारियों की संपत्ति घोषणा में छूट और मोहलत देने के पाकिस्तान के अनुरोध को खारिज कर दिया है। इसके बाद संघीय सरकार में संशोधित सिविल सेवक अधिनियम पर परामर्श शुरू हो गया है। इसे इसी माह आईएमएफ के समक्ष प्रस्तुत किया जाना है।
पाकिस्तान के समाचार पत्र द नेशन की खबर के अनुसार, सरकारी सूत्रों ने कहा कि आईएमएफ की तकनीकी टीम ने कैबिनेट डिवीजन, प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रालय और कानून मंत्रालय सहित प्रमुख संस्थानों के साथ बैठकें की हैं। टीम ने पाकिस्तान पर वित्तीय स्थितियों के अनुरूप बेंचमार्किंग पूरा करने के लिए दबाव डाला है।
आईएमएफ की तकनीकी टीम की आपत्ति के बाद अब संशोधित ढांचे के तहत मुल्क के सरकारी अधिकारियों को अपनी संपत्ति का खुलासा करना होगा। इसमें पति, पत्नी और बच्चों के आय के स्रोत और पावर ऑफ अटॉर्नी का विवरण देना होगा। आईएमएफ ने इन संपत्तियों के सार्वजनिक खुलासे पर भी जोर दिया है। इसमें विदेशों में रखी संपत्ति का विवरण भी देना होगा।
पाकिस्तान ने आईएमएफ से इस पर छूट देने का अनुरोध किया है। आईएमएफ ने कड़ा रुख अपनाते हुए सरकारी अधिकारियों की संपत्ति घोषणा की निगरानी और उसके सार्वजनिक करने के लिए एक प्राधिकरण की स्थापना की भी मांग की है। आईएमएफ टीम 6 फरवरी से पाकिस्तान में है। उसका दौरा 14 फरवरी को पूरा होगा। आईएमएफ की तकनीकी टीम का दौरा पाकिस्तान के सात अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के संदर्भ में हुआ है।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
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