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कोलकाता, 10 फरवरी (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने तृणमूल कांग्रेस के कॉलेज-विश्वविद्यालय शिक्षकों के संगठन से आह्वान किया कि वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की विचारधारा को अपनाएं और लोकतांत्रिक तरीके से वामपंथी और दक्षिणपंथी ताकतों का मुकाबला करें।
कोलकाता में आयोजित पश्चिम बंगाल कॉलेज एंड यूनिवर्सिटी प्रोफेसर्स एसोसिएशन (डब्ल्यूबीसीयूपीए) की एक बंद कमरे की बैठक में बसु ने कहा कि विरोधी ताकतें राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता को बाधित करना चाहती हैं। एक वरिष्ठ डब्ल्यूबीसीयूपीए सदस्य के अनुसार, इस बैठक में करीब 65-70 सदस्य शामिल हुए।
बैठक के दौरान बसु ने शिक्षकों से अपील की कि वे ‘श्यामाप्रसाद पंथी’ (समर्थक) और ‘मार्क्स-लेनिन पंथी’ (वामपंथी विचारधारा) के प्रभाव को कमजोर करें और ‘ममता पंथी’ (ममता बनर्जी की विचारधारा) को अपनाएं। उन्होंने दावा किया कि केवल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की विचारधारा ही ‘मानवतावादी’ है और इसी को आगे बढ़ाना आवश्यक है।
शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि शिक्षकों को अपने-अपने कार्यस्थलों पर मानवतावाद को बढ़ावा देना चाहिए और राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ कोई टिप्पणी करने से बचना चाहिए। बसु ने संगठन के सदस्यों को अधिक सक्रिय रहने और तृणमूल कांग्रेस के मूल्यों को शिक्षण संस्थानों में स्थापित करने का आग्रह किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि दक्षिणपंथी और अति-वामपंथी ताकतें उच्च शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित करने का प्रयास कर रही हैं। इस संदर्भ में उन्होंने शिक्षकों से एकजुट होकर इन ताकतों का विरोध करने की अपील की।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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