Uttar Pradesh

ग्राम प्रधान ने खोली पोल, प्रधानाध्यापिका पर गिरी गाज

ग्राम प्रधान ने खोली पोल, प्रधानाध्यापिका पर गिरी गाज

मीरजापुर, 8 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । कंपोजिट विद्यालय राजगढ़ में मध्यान्ह भोजन के लिए सड़ा गेहूं इस्तेमाल किए जाने की शिकायत पर ग्राम प्रधान और शिक्षा समिति के अध्यक्ष ने शनिवार को विद्यालय पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। परिसर में धोकर सुखाया जा रहा सड़ा गेहूं देखकर ग्राम प्रधान आशीष जायसवाल ने प्रधानाध्यापिका से जवाब तलब किया, जिस पर प्रधानाध्यापिका नाराज हो गईं।

ग्राम प्रधान ने इस मामले की शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) से की। खंड शिक्षा अधिकारी ने तत्काल नोडल अधिकारी को जांच के लिए भेजा, जिसमें पुष्टि हुई कि मध्यान्ह भोजन के लिए खराब गेहूं का उपयोग किया जा रहा था। इसके अलावा, विद्यालय में बच्चों के पेयजल की टंकी खुली हुई थी, जिसमें गंदगी और पत्ते गिरने से पानी दूषित हो रहा था। पानी की टोटी के पास भी गंदगी पाई गई।

शिक्षा विभाग की लापरवाही उजागर

विद्यालय में मिली अनियमितताओं के चलते खंड शिक्षा अधिकारी संजय यादव ने प्रधानाध्यापिका के खिलाफ कार्रवाई के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को पत्र भेज दिया है।

पहले भी मिल चुकी हैं शिकायतें

खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि प्रधानाध्यापिका मनोरमा सिंह के खिलाफ पूर्व में भी शिकायतें मिली थीं, जिस पर उनका वेतन रोका गया था। अब खाद्यान्न में गड़बड़ी की शिकायत की पुष्टि होने के बाद उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की संस्तुति की गई है।

ग्रामीणों में आक्रोश

ग्राम प्रधान और ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि जब शिक्षा विभाग के कार्यालय से महज कुछ दूरी पर स्थित विद्यालय में ऐसी लापरवाही हो रही है, तो दूर-दराज के विद्यालयों की क्या स्थिति होगी?

प्रधानाध्यापिका का पक्ष

प्रधानाध्यापिका मनोरमा सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि गेहूं पांच महीने पुराना था, जिससे कुछ खराब हो गया था। हालांकि उन्होंने दावा किया कि इस गेहूं का उपयोग मध्यान्ह भोजन में नहीं किया गया बल्कि इसे रसोइयों को दे दिया गया था।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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