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अदालती आदेश के बावजूद सेवा में नहीं रखने पर अफसरों को अवमानना नोटिस

हाईकोर्ट जयपुर

जयपुर, 8 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद चिकित्सा विभाग की महिला प्रोफेसर को साठ साल की उम्र के बाद सेवा में नहीं रखने पर प्रमुख चिकित्सा शिक्षा सचिव, उप निदेशक रवि शंकर और प्रिंसिपल अंजली कपूर को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश डॉ. सीमा चौधरी की ओर से दायर अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता शालिनी श्योराण ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता दंत चिकित्सा की वरिष्ठ प्रोफेसर पद पर कार्यरत है। विभाग ने 13 सितंबर, 2024 को एक आदेश जारी कर साठ साल होने का हवाला देते हुए उसकी सेवानिवृत्ति आयु 31 जनवरी, 2025 तय कर दी। इस आदेश को पूर्व में अदालत में याचिका दायर कर चुनौती देते हुए कहा गया कि राज्य सरकार क 30 मार्च, 2018 की अधिसूचना के तहत वह 65 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होने की अधिकारी है। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 20 नवंबर को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को पद पर बनाए रखने के आदेश दिए। याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश के बावजूद उसे सेवा में नहीं रखा गया। याचिकाकर्ता ने गत फरवरी माह में कार्यभार संभालने के लिए उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर किए तो उसे लाल स्याही से काट दिया गया। ऐसे में अदालती आदेश की अवमानना करने वाले अफसरों को दंडित किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।

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(Udaipur Kiran)

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