
-दिव्यांग विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग
नई दिल्ली/गुवाहाटी, 8 फरवरी (Udaipur Kiran) । असम के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री पियूष हजारिका ने प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-एजेएवाई) की केंद्रीय सलाहकार समिति (सीएसी) की पहली बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में उन्होंने असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए योजना के तहत छात्रावास घटक को बढ़ाने का अनुरोध किया।
शनिवार को डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में हुई बैठक में हजारिका ने कहा कि देश के अन्य हिस्सों की तुलना में पूर्वोत्तर क्षेत्र को इस योजना के तहत अधिक सहायता की आवश्यकता है। उन्होंने छात्रावास घटक की वर्तमान राशि 20 लाख रुपये से बढ़ाने की मांग की।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सीएसी के सदस्य, विभिन्न राज्यों के संबंधित विभागों के मंत्री और कई मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम-अजय योजना सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
पीएम-अजय, जो 2021-22 में शुरू की गई थी, इसमें आदर्श ग्राम, राज्य/जिला स्तर की परियोजनाओं को अनुदान और छात्रावास निर्माण जैसे तीन घटक शामिल हैं। सीएसी इस योजना की नीति संबंधी मुद्दों पर मार्गदर्शन करेगी और सामाजिक-आर्थिक प्रभावों का आकलन कर कार्यान्वयन संबंधी दिशानिर्देश प्रदान करेगी।
बाद में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मंत्री हजारिका ने लिखा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार से मुलाकात कर असम में देश का पहला दिव्यांग विश्वविद्यालय स्थापित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह संस्थान दिव्यांगजनों को शिक्षा, कौशल विकास और सशक्तिकरण के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा। केंद्रीय मंत्री ने उनके प्रस्ताव को गंभीरता से सुना।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
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