नई दिल्ली, 7 फरवरी (Udaipur Kiran) । रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि रेलवे ने पिछले दशक में पांच लाख से अधिक कर्मचारियों की भर्ती की है। यह आंकड़ा 2004-2014 के कालखंड की तुलना में काफी अधिक है।
भारतीय रेलवे के आकार, स्थानिक वितरण और संचालन की गंभीरता को देखते हुए रिक्तियों का होना और भरना एक सतत प्रक्रिया है। नियमित संचालन, प्रौद्योगिकी में परिवर्तन, मशीनीकरण और नवीन प्रथाओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त और उपयुक्त जनशक्ति प्रदान की जाती है। रिक्तियों को मुख्य रूप से परिचालन और तकनीकी आवश्यकताओं के अनुसार रेलवे द्वारा भर्ती एजेंसियों के साथ मांगपत्र जारी करके भरा जाता है।
मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 के कारण लगाए गए प्रतिबंधों में ढील के बाद, 2020 से 2022 के दौरान 2.37 करोड़ से अधिक उम्मीदवारों वाली दो प्रमुख परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गईं। इन परीक्षाओं के आधार पर रेलवे में 1,30,581 अभ्यर्थियों की भर्ती की गई है।
आरआरबी परीक्षाएं काफी तकनीकी प्रकृति की होती हैं, जिसके लिए बड़े पैमाने पर कर्मियों और संसाधनों की आवश्यकता होती है तथा जनशक्ति को प्रशिक्षित किया जाता है। रेलवे ने इन सभी चुनौतियों पर विजय प्राप्त की तथा सभी निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पारदर्शी तरीके से भर्ती सफलतापूर्वक पूरी की। पूरी प्रक्रिया के दौरान पेपर लीक या इसी तरह की किसी गड़बड़ी की कोई घटना नहीं हुई।
भारतीय रेलवे में वर्ष 2004-2014 के दौरान भर्ती की संख्या 4.11 लाख थी तथा वर्ष 2014-2024 के दौरान यह आंकड़ा 5.02 लाख है। इसके अलावा, व्यवस्था में सुधार के रूप में, रेल मंत्रालय ने समूह ‘सी’ पदों की विभिन्न श्रेणियों में भर्ती के लिए वर्ष 2024 से वार्षिक कैलेंडर प्रकाशित करने की व्यवस्था शुरू की है।
इसके अलावा मंत्रालय ने भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार वार्षिक भर्ती कैलेंडर की शुरुआत पर भी प्रकाश डाला।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
