
फिरोजाबाद, 7 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । न्यायालय ने शुक्रवार को आत्महत्या के लिए उकसाने की दोषी महिला को सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उस पर अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
थाना दक्षिण क्षेत्र निवासी अनंत प्रकाश ने 29 सितम्बर 2017 को भाई की पत्नी संगीता अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। अनंत का कहना था उसके भाई की पत्नी संगीता परिजनों को झूठे मुकदमों में फंसाकर मानसिक उत्पीड़न करती रहती है। उसकी पुत्री आंकाक्षा उम्र 21 वर्ष की शादी कुछ महीने पहले हुई थी। वह अपनी ससुराल से घर आयी। संगीता ने उसकी पुत्री से कहा कि अब वह उसके ससुराल वालों पर झूठे मुकदमें लगवा देगी। जिससे उसकी पुत्री क्षुब्ध रहने लगी। इस कारण उसने जहर खा लिया। परिजन ट्रामा सेन्टर ले गये जहां से आगरा रैफर किया गया। आगरा में दूसरे दिन आकांक्षा की मृत्यु हो गयी। मृतका के बिस्तर से पत्र मिला जिसमें मृत्यु का कारण दोषी महिला का होना कहा गया। पुलिस ने विवेचना के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।
मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 5 नित्य पाण्डेय की अदालत में चला। मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी। कई साक्ष्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने संगीता को दोषी माना। न्यायालय ने उसे 7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 10 हजार रुपया अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
(Udaipur Kiran) / कौशल राठौड़
