Madhya Pradesh

रतलाम : देशभक्त कवि प्रदीप के गीतों ने देश को अवसाद के क्षणों से बाहर निकाला था

रतलाम : देशभक्त कवि प्रदीप के गीतों ने देश को अवसाद के क्षणों से बाहर निकाला था

रतलाम, 7 फरवरी (Udaipur Kiran) । कवि प्रदीप के गीतों की मिठास राष्ट्रभक्ति के स्वरों के साथ और निखर जाती थी। अपने गीतों के माध्यम से राष्ट्रभक्ति का संदेश देने वाले कवि प्रदीप को भारत की सरकारों ने वह सम्मान नहीं दिया जिसके वह अधिकारी थे । लगभग 1700 गीत लिखने के बाद भी उन्हें वह सम्मान नहीं मिला जो उनके समकक्ष कवियों को दिया गया। कवि प्रदीप ने देश को अवसाद के क्षणों में अपने लिखे गीतों से राष्ट्रभक्ति का जोश भरा, सैनिकों के मनोबल को हिमालय की भांति अडिग रहने का संदेश दिया। कवि प्रदीप हमारे राष्ट्र के गौरव तो थे ही हमारे प्रदेश और हमारे शहर रतलाम के लिए भी अति सम्मानीय थे ।

उनका जन्म बड़नगर में हुआ था लेकिन उन्होंने शिक्षा दीक्षा अपने मां के घर रतलाम में ही रहकर माणक चौक हायर सेकेंडरी स्कूल जो पहले दरबार हाई स्कूल हुआ करता था मैं प्राप्त की । शहर से उनकी कई यादें जुड़ी हुई है उनका स्मरण करना राष्ट्र की सेवा के सम्मान है

उपरोक्त विचार शिक्षक सांस्कृतिक संगठन मंच द्वारा राष्ट्रकवि प्रदीप के जन्म दिवस पर माणक चौक हायर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में प्रसिद्ध साहित्यकार चिंतक डॉ. मुरलीधर चांदनी वाला ने व्यक्त किये। आपने कहा कि रतलाम में उनकी स्मृति में एक संग्रहालय बनना चाहिए।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पत्रकार शरद जोशी ने कहा कि कवि प्रदीप के बारे में जितना लिखा जाए, सुना जाए, पढ़ा जाए वह कम है । उन्होंने अपने लिखे हुए सैकड़ों गीतों के माध्यम से देशभक्ति की भावना को जगाया था। रतलाम में उनका ननिहाल था और बचपन की कई यादें उनकी शहर से जुड़ी हुई है । परम पूज्य श्री नित्यानंद जी बापजी की प्रेरणा से आप मुंबई गए और वहां उन्होंने फिल्मों में गीत लिखना शुरू किया। जब 62 मे भारत-चीन का युद्ध हुआ और भारत की पराजय पर उन्होंने ए मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी गीत लिखकर पूरे देशवासियों को राष्ट्रभक्ति से जोड़ दिया । उनका गीत सुनकर तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू जी की आंखें भी भर आई थी ।

कार्यक्रम के विशिष्ट स्थिति रतलाम प्रेस क्लब के अध्यक्ष मुकेश गिरी गोस्वामी ने कहा कि रतलाम अपने इतिहास को याद नहीं कर पा रहा है। अपने ऐतिहासिक धरोहर तथा महापुरुषों को शहर वासियों को याद करना चाहिए । देश के प्रति उनके योगदान को कभी नहीं बुलाया जा सकता। कवि प्रदीप से संबंधित साहित्य और गीतों की एक भव्य प्रदर्शनी भविष्य में शहर में लगाना होगी ताकि आने वाली पीढ़ी उन्हें याद कर सके।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शिक्षाविद ओ.पी. मिश्रा ने कहां की कवि प्रदीप रतलाम की हवाओं में बसे हुए हैं उनका रतलाम से गहरा नाता रहा है रतलाम वासियों को भी उन्हें अपनी स्मृतियों को सजा कर रखना चाहिए।

श्री नरेंद्र सिंह पवार ने भी कवि प्रदीप से मुलाकात के अपने संस्मरण सुनाए आरंभ में अतिथियों ने मां सरस्वती और कवि प्रदीप के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।

स्वागत भाषण मंच अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने देते हुए कहा कि संस्था प्रतिवर्ष कवि प्रदीप की स्मृति में एक कार्यक्रम आयोजित करेगी ताकि आने वाली पीढ़ी के लिए कवि प्रदीप के लिखे गीत राष्ट्रभक्ति के लिए प्रेरणा जगाने का कार्य करेंगे, उनके लिखे हुए गीत आज भी प्रासंगिक और प्रभावशाली है ।

इस अवसर पर स्वतंत्र दशोत्तर, दिलीप करमैया, सी.एस.जादौन, योगेश पाल, राम मनोरथ पांडे, प्रतिभा चांदनी वाला सहित अनेक शिक्षक गण एवं छात्र उपस्थित थे ।

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(Udaipur Kiran) / शरद जोशी

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