Jammu & Kashmir

रक्षा बजट 2025-26 के विशेष संदर्भ में केंद्रीय बजट 2025-26 पर एक वार्ता का सफलतापूर्वक आयोजन

जम्मू 06 फरवरी (Udaipur Kiran) । जम्मू विश्वविद्यालय के सामरिक एवं क्षेत्रीय अध्ययन विभाग ने गुरूवार को सेमिनार हॉल में रक्षा बजट 2025-26 के विशेष संदर्भ में केंद्रीय बजट 2025-26 पर एक वार्ता का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कार्यक्रम में आर्थिक और रणनीतिक मामलों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ श्री वरुण झावेरी का एक व्यावहारिक संबोधन था जिन्हें एशियाई विकास बैंक, संयुक्त राष्ट्र, नीति आयोग और कर्नाटक सरकार में काम करने का व्यापक अनुभव है। जम्मू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के एक प्रमुख युवा नेता श्री अरुण प्रभात ने मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। अपने स्वागत भाषण में श्री प्रभात ने देश के महत्वपूर्ण हितों को सुरक्षित रखने में युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। श्री झावेरी ने अपने मुख्य भाषण में केंद्रीय बजट 2025-26 में रक्षा आवंटन का व्यापक विश्लेषण प्रदान किया जिसमें प्रमुख रुझानों, नीतिगत निहितार्थों और भारत के सुरक्षा ढांचे पर उनके प्रभाव पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण प्रयासों, खरीद रणनीतियों और संसाधन आवंटन पर विस्तार से चर्चा की और राष्ट्रीय रक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। श्री झावेरी ने रक्षा बजट को एक सकारात्मक कदम बताया जिसमें बुनियादी ढांचे में निवेश, घरेलू निर्माताओं की सुरक्षा और अनुसंधान और विकास के लिए अधिक धन के तीन प्रमुख मुद्दों को संबोधित किया गया है।

अपने अध्यक्षीय भाषण में जम्मू विश्वविद्यालय के सामरिक और क्षेत्रीय अध्ययन विभाग के वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर डॉ्. मोहम्मद मोनिर आलम ने स्वदेशी रक्षा उत्पादन, आत्मनिर्भर भारत, के तहत आत्मनिर्भरता और सैन्य तैयारियों में उभरती प्रौद्योगिकियों की भूमिका सहित प्रमुख विषयों पर बात की। उन्होंने श्री झावेरी और उपस्थित लोगों के प्रति उनकी उत्साही भागीदारी के लिए आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने भारत के दीर्घकालिक सुरक्षा लक्ष्यों के साथ संरेखित करने के लिए रक्षा अर्थशास्त्र और रणनीतिक नीतियों पर निरंतर चर्चा की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस कार्यक्रम में संकाय शोध विद्वानों और छात्रों की सक्रिय भागीदारी देखी गई जिन्होंने वर्तमान भू.राजनीतिक परिदृश्य में बजटीय आवंटन के रणनीतिक महत्व पर विचारोत्तेजक चर्चा की। कार्यक्रम का समापन प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ जिसमें प्रतिभागियों ने बजटीय प्राथमिकताओं, रक्षा अनुसंधान निधि और वैश्विक रक्षा व्यय प्रवृत्तियों पर विचारों का आदान.प्रदान किया। इस वार्ता ने भारत के भविष्य के रक्षा परिदृश्य को आकार देने में राष्ट्रीय सुरक्षा और राजकोषीय नीतियों पर सूचित चर्चाओं के महत्व की पुष्टि की। कार्यक्रम की कार्यवाही का संचालन डॉ. गणेश मल्होत्रा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. चाहुकेशी जामवाल ने प्रस्तुत किया।

(Udaipur Kiran) / मोनिका रानी

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