Jammu & Kashmir

उमर सरकार चिकित्सा क्षेत्र के साथ समझौता नहीं करेगी- रतन लाल गुप्ता

जम्मू 06 फरवरी (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सा अधिकारियों, दंत चिकित्सकों, सलाहकारों और पैरा-मेडिकल कर्मचारियों की खतरनाक कमी पर गंभीर चिंता जताई है। उनकी टिप्पणी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय की डिवीजनल बेंच द्वारा की गई जिसने हाल ही में स्वास्थ्य सेवाओं की बिगड़ती स्थिति पर निराशा व्यक्त की खासकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में।

सबसे दूरस्थ अनुसूचित जनजाति क्षेत्र पद्दर की ब्लॉक समिति के साथ बातचीत करते हुए जिसके अध्यक्ष ब्लॉक अध्यक्ष श्री जानकी नाथ जी थे जिन्होंने प्रांतीय अध्यक्ष को स्वास्थ्य देखभाल सहित क्षेत्र के सामने आने वाली समस्याओं और कठिनाइयों से अवगत कराया वरिष्ठ नेकां नेता ने स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़ते संकट को दूर करने में अपनी पूरी तरह से विफलता के लिए पिछले प्रशासन की आलोचना की। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों को भरने में पिछली सरकार की असमर्थता ने आम लोगों को संकट में डाल दिया है खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को। उन्होंने कहा इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों में कर्मचारियों की कमी है जिससे मरीज भाग्य के भरोसे रह जाते हैं। पिछली सरकार ने एक लापरवाह और लापरवाह रवैया अपनाया जिसके परिणामस्वरूप डॉक्टरों और विशेषज्ञों की भारी कमी हो गई जहां उनकी सबसे ज्यादा जरूरत है।

न्यायालय को सौंपी गई एक स्थिति रिपोर्ट से स्वास्थ्य विभाग में रिक्तियों की सीमा का पता चला। जम्मू संभाग में 664 चिकित्सा अधिकारी पद और 2,489 पैरा मेडिक पद खाली हैं उन्होंने कहा कि ये रिक्तियां ग्रामीण और परिधीय क्षेत्रों में विशेष रूप से गंभीर हैं जहां चिकित्सा कर्मियों की कमी के कारण अपर्याप्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाती है जिससे लोग असुरक्षित हो जाते हैं और शहरी अस्पतालों में अनावश्यक रूप से रेफर होने के लिए मजबूर होते हैं। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की गंभीर वास्तविकता पर प्रकाश डालते हुए रतन लाल गुप्ता ने बताया कि कई स्वास्थ्य संस्थान नाममात्र कर्मचारियों के साथ काम करते हैं और उनमें सबसे बुनियादी ढांचे का भी अभाव है। उन्होंने कहा दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों को डॉक्टरों की अनुपलब्धता और अपर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं के कारण गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य केंद्र या तो बंद रहते हैं या अत्यधिक समझौतापूर्ण तरीके से संचालित होते हैं।

अध्यक्ष ने आगे बताया कि पिछले वर्षों में कई बार उपराज्यपाल के प्रशासन के समक्ष इस गंभीर मुद्दे को उठाया गया था जिसमें स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों को भरने के लिए तत्काल भर्ती का आग्रह किया गया था। हालांकि उन्होंने निराशा व्यक्त की कि कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई जो सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंताओं से निपटने में गंभीरता की कमी को दर्शाता है। पिछले प्रशासन की उदासीनता ने लोगों की पीड़ा को और बढ़ा दिया है।

एक मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के महत्व पर जोर देते हुए रतन लाल गुप्ता ने कहा कि उमर अब्दुल्ला के गतिशील नेतृत्व में मौजूदा सरकार चिकित्सा क्षेत्र पर कोई समझौता नहीं करेगी। वरिष्ठ एनसी नेता ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया और सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और यह सुनिश्चित करने में उमर सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई कि जम्मू और कश्मीर के लोगों को वह चिकित्सा सुविधा मिले जिसके वे हकदार हैं।

(Udaipur Kiran) / मोनिका रानी

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