
– स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं सुरक्षा व्यवस्था को दुरूस्त रखने के दिए निर्देश
खरगोन, 5 फरवरी (Udaipur Kiran) । कलेक्टर भव्या मित्तल ने बुधवार को जिला चिकित्सालय का आकस्मिक निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं को देखा। इस दौरान उन्होंने जिला चिकित्सालय के मेडिकल वार्ड, मेटरनिटी वार्ड, प्रसव कक्ष, आईसीयू, ऑपरेशन कक्ष, नवजात बच्चों के उपचार की एसएनसीयू, क्रिटिकल केयर यूनिट, पीआईसीयू, ओपीडी और सर्जिकली वार्ड का निरीक्षण किया। उन्होंने एसएनसीयू में उपचार के लिए भर्ती रहने वाले शिशुओं की माताओं के लिए बनाये गये स्टेप डाउन यूनिट का शुभारंभ भी किया। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों से चर्चा कर उन्हें मिल रही सुविधाओं की जानकारी भी ली।
कलेक्टर ने जिला चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान निर्देशित किया कि अस्पताल परिसर में स्वच्छता बनाये रखी जाये और नियमित रूप से साफ-सफाई की जाये। निर्धारित स्थलों पर डस्टबिन रखे जायें और हेंडवाश की व्यवस्था रखी जाये। सूखा व गीला कचरे के लिए कलर कोड वाले बाक्स रखे जायें। अस्पताल परिसर में किसी भी व्यक्ति को गंदगी न फैलाने दें। अस्पताल के सभी चिकित्सक एवं कर्मचारी ड्यूटी के समय अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें, जिससे उपचार के लिए आने वाले मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी न हो। उन्होंने अस्पताल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को भी दुरूस्त बनाये रखने के निर्देश दिये। अस्पताल की जो सामग्री अनुपयोगी हो चुकी है उसे डिस्मेंटल (निस्तारण) करने के निर्देश दिये। इस दौरान उन्होंने पीआईयू द्वारा जिला चिकित्सालय में 07 करोड़ 50 लाख रुपये की लागत से बनाये जा रहे 100 बेड के भवन का कार्य मार्च माह में अनिवार्य रूप से पूर्ण करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर भव्या मित्तल ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन 50 बेड सीसीएचबी युनिट का कार्य शीघ्र पूर्ण करने एवं आवश्यक मानव संशाधन, उपकरणों आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। अस्पताल मेनेजर अजमेर सिंह ओहरिया को निर्देश दिये कि वे सफाई एजेंसी के सुपरवाईजर के साथ प्रतिदिन अस्पताल का राउंड ले तथा सफाई उपकरणों एवं सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करें। सिविल सर्जन कक्ष को ठीक करने एवं मरीजों के लिए विजिंटिंग चेयर बढ़ाने के निर्देश दिये गए। मेडिसीन ओपीडी, आईसीयू, पीआईसीयू में विवर 04 सप्ताह में लगाने के निर्देश दिए गए। सब इंजीनियर को निर्देश दिये कि तत्काल स्टीमेट तैयार कर मरम्मत कार्य कराएं एवं नई डायलिसिस मशीन को पृथक युनिट में रखने तथा एसी लगाने के निर्देश दिए। जिला अस्पताल की संपूर्ण सफाई एवं आवश्यक उपकरणों के लिए रोगी कल्याण समिति की राशि का उपयोग कररने के निर्देश दिए गए।
कलेक्टर द्वारा फीता काटकर स्टेप डाउन युनिट का शुभारंभ किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जो बच्चे एसएनसीयू में भर्ती रहते है, उन्हें भर्ती रखा जाएगा। युनिट में बच्चे माताओं के साथ भर्ती रहेंगे। युनिट में टायलेट ठीक कराने तथा सुरक्षा का ध्यान रखे जाने के निर्देश दिए गए। एलएमयू युनिट को जिला चिकित्सालय को शीघ्र हस्तातंरित करने के निर्देश दिये गये।
कलेक्टर ने इस दौरान बताया कि खरगोन जिले में प्रसव के दौरान मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए सार्थक प्रयास करना है। इसके लिए संकल्प प्रोजेक्ट पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। जिला चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एमएस सिसोदिया, सिविज सर्जन डॉ एएस चौहान, भारत सरकार द्वारा सकल्प प्रोजेक्ट प्रबंधन के लिए नियुक्त डॉ. रमेश अग्रवाल, एसडीएम बीएस कलेश, पीआईयू के अधिकारी एवं जिला चिकित्सालय का स्टाफ मौजूद था।
(Udaipur Kiran) तोमर
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