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आईआईसीए और सीएमएआई ने डीकार्बोनाइजेशन की क्षमता बढ़ाने के लिए किया समझौता 

आईआईसीए और सीएमएआई समझौता के अवसर पर संबोधित करते गडकरी

नई दिल्ली, 05 फरवरी (Udaipur Kiran) । भारत के कार्बन बाजारों को मजबूत करने और डीकार्बोनाइजेशन प्रयासों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में भारतीय कॉरपोरेट मामलों के संस्थान (आईआईसीए) और कार्बन मार्केट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएमएआई) ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में बताया कि इस ऐतिहासिक समझौते की घोषणा मंगलवार को वैश्विक और भारतीय कार्बन बाजारों पर आईआईसीए- सीएमएआई मास्टरक्लास के उद्घाटन दिवस पर की गई।

केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इस समझौते के अवसर पर मौजूद रहे। इस अवसर पर उन्‍होंने भारत के आर्थिक और पर्यावरणीय भविष्य को आकार देने में जैव ईंधन और हरित हाइड्रोजन की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने बायो बिटुमिन, बायो एविएशन-फ्यूल, बायो सीएनजी से संबंधित पायलट परियोजनाओं को साझा किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि “ज्ञान को धन में बदलना ही भविष्य है और कोई भी सामग्री बेकार नहीं जाती”।

नितिन गडकरी ने पीपीपी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि “हाइड्रोजन भविष्य के लिए ईंधन है”। मंत्री ने हाइड्रोजन की कीमत 1 डॉलर प्रति किलोग्राम करने के अपने विजन को भी साझा किया। उन्‍होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि भारत इस क्षेत्र में अपने अत्याधुनिक अनुसंधान और विकास पहलों के कारण इसे हासिल करने वाला अग्रणी देश होगा।

इस समझौते के तहत सीएमएआई और आईआईसीए निम्नलिखित पर सहयोग करेंगे:-

प्रशिक्षण कार्यक्रम:-

कार्बन बाज़ार, कम कार्बन औद्योगिक समाधान और संधारणीय वित्त पर पाठ्यक्रम विकसित करना और उन्हें वितरित करना।

संयुक्त अनुसंधान:-

डीकार्बोनाइजेशन रणनीतियों और कार्बन ट्रेडिंग तंत्र पर अध्ययन करना और अंतर्दृष्टि प्रकाशित करना।

कार्यशालाएं और सम्मेलन:-

उद्योग हितधारकों, नीति निर्माताओं और शिक्षाविदों के बीच संवाद को सुविधाजनक बनाने के लिए कार्यक्रम आयोजित करना।

नीति वकालत:-

भारत की शुद्ध शून्य महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने वाले विनियामक और नीति ढाँचों का समर्थन करना।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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