Madhya Pradesh

अमृत स्नान पर 3 करोड़ श्रद्धालुओं की संभावना… इनमें से 25 लाख भी महाकाल मंदिर आ गए तो क्या करेंगे ?

baba mahakal ujjain mp

उज्जैन, 4 फरवरी (Udaipur Kiran) । वर्ष-2004, सिंहस्थ का शाही स्नान….महाकाल मंदिर के बाहर भीड़ का अत्यधिक दबाव। जहां से देखो,वहां केवल सिर ही सिर नजर आ रहे…पुलिस कंट्रोल रूम से भीड़ का दबाव रोकने के लिए चारों ओर निर्देश दिए जा रहे थे। इधर भीड़ थी कि महाकाल मंदिर का रूख किए बगैर कहीं ओर जा नहीं रही थी। पुलिस ओर प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए थे।

तत्कालिन आईजी सरबजीतसिंह,डीआईजी संजय झा और एसपी उपेंद्र जैन के चेहरे पर पसीना साफ झलक रहा था। इस बीच सरबजीतसिंह ने तत्कालिन कलेक्टर डॉ.राजेश राजोरा से कहा: भीड़ को रोकना होगा,महाकाल की ओर आ रहे सारे रास्तों को बंद करना होगा। मंदिर में या बाहर कोई हादसा हो गया तो क्या करेंगे? लौटती भीड़ हो या आती, किसी की नहीं सुनेगी। तत्काल निर्णय लिया गया कि महाकाल मंदिर की ओर आनेवाले सारे रास्ते रोक दिए जाएं। सभी अधिकारी राणोजी की छत्री पर बने पुलिस कंट्रोल रूम में लगे सीसीटीवी केमरों पर शहर के प्रवेश मार्ग से लेकर महाकाल मंदिर की ओर जानेवाले मार्गो की ओर देख रहे थे। मंदिर के हाल तो ऐसे थे मानो भीड़ एक जगह ठहर गई हो। श्रद्धालु हिलते-डुलते भी नहीं दिख रहे थे। ये सभी अधिकारी तत्काल राणोजी की छत्री से महाकाल मंदिर के लिए पैदल रवाना हुए। हरसिद्धि मंदिर से महाकाल मंदिर तक आने में इन्हे पुलिस गार्ड होने के बावजूद मशक्कत करना पड़ी थी। यह प्रतिनिधि भी कव्हरेज करने के चलते इनके साथ था।

यह उस समय के हालात थे,जब महाकाल मंदिर का विस्तार इतना अधिक नहीं हुआ था,जो आज महाकाल महालोक के रूप में हो गया है। लेकिन जानकारों का प्रश्न है कि मंदिर के अंदर विस्तार की गुंजाइश नहीं है। श्रद्धालु अंदर प्रवेश सुगमता से कर ले ओर बाहर निकल जाए। इसे आधार बनाएं तो इस वर्ष मंदिर समिति के दावे के अनुसार अंग्रेजी नववर्ष में अधिकतम 7 लाख भक्तों को चलित भस्मार्ती से शयन आरती तक दर्शन करवाए गए। इधर डॉ.राजेश राजोरा का कहना है कि इस बार अमृत स्नान में 3 करोड़ या उससे अधिक श्रद्धालु आने की संभावना है। ऐसे में यदि 25 लाख श्रद्धालु भी महाकाल दर्शन के लिए पहुंच गए तो सुबह से रात तक क्या हालात होंगे? इसके लिए कोई कार्य योजना बनी है क्या? सूत्रों के अनुसार पीपीटी में यह बिंदु रहा ही नहीं कि सिंहस्थ में अधिकतम कितने श्रद्धालुओं को एक दिन में दर्शन करवाए जाएंगे। शेष भीड़ का क्या करेंगे? इनके आगम और निर्गम को लेकर भी स्थिति फिलहाल तो स्पष्ट नहीं है। जिस पर अलग से होमवर्क किया जाना चाहिए,ऐसा तीन से चार सिंहस्थ देख चुके मैदानी अनुभवियों का कहना है।

—————

(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल

Most Popular

To Top