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  छत्तीसगढ़ में सत्यम बालाजी ग्रुप में आयकर के छापे में 1000 करोड़ रुपये के कच्चे लेन-देन की मिली गड़बड़ी

रायपुर, 03 फरवरी (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग ने सत्यम बालाजी ग्रुप और इसकी सहयोगी कंपनी साईं हनुमंत इंडस्टरीज प्राइवेट लिमिटेड ,राइस मिलर्स, एक्सपोर्ट्स कमीशन एजेंट्स, राइस ब्रोकर्स के ठिकानों पर की गई छापे की कार्रवाई में करीब एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की गड़बड़ियों के दस्तावेज जब्त किये हैं।

छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के 25 कारोबारी-आवासीय परिसर में छापेमारी कर आयकर अन्वेषण की सभी टीमें शनिवार देर रात कार्रवाई पूरी कर मुख्यालय लौट गई हैं। आयकर अन्वेषण की टीमों ने कैश, ज्वेलरी के साथ-साथ गड़बड़ियों के ढेरों दस्तावेज भी सीज किए हैं। आयकर विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि छापेमारी में 10 करोड़ नकद और साढ़े तीन करोड़ की ज्वेलरी जब्त की गई है।

बीती शाम को राजधानी के एक दफ्तर और एक आवासीय परिसर में आयकर टीम ने सत्यम बालाजी समूह के संचालकों का बयान दर्ज कर छापे की कारवाई पूरी कर ली। सभी ठिकानों की जांच में कैश में कामकाज किए जाने के साथ-साथ बुक्स के रिकार्ड्स में भी अनियमितताएं मिली हैं। इसके साथ ही कच्चे में लेनदेन किए जाने के भी पेपर्स मिले हैं। इस कार्रवाई में कंपनी द्वारा बीते 6 वर्ष के जमा किए गए इनकम टैक्स रिटर्न के आधार पर कंपनी के रिकॉर्ड स्टाक की जांच की गई है। यह कर चोरी इन दोनों फर्मों के साथ-साथ इनसे जुड़े ब्रोकर मिलरों के यहां मिले नान टैक्सेबल कैश ट्रांजेक्शन पेपर को मिलाकर है।

सत्यम बालाजी ग्रुप गैर बासमती चावल का प्रमुख निर्यातक है। विभागीय सूत्रों के अनुसार सत्यम बालाजी समूह का पक्के में टर्न ओवर 2000 करोड़ का है और इसमें से 1600 करोड़ का कारोबार कच्चे में होना उजागर हुआ है। आयकर अन्वेषण की छत्तीसगढ़ की सभी टीमों ने लौटकर जब्त दस्तावेज मुख्यालय में जमा कर दिया है। अब अगले चरण में राइस मिल संचालकों और कमीशन एजेंट्स व राइस ब्रोकर्स से मिले दस्तावेजों और वाहनों की जांच कर अप्रेजल रिपोर्ट तैयार कर रही है।

उल्लेखनीय है कि बीते सप्ताह बुधवार को राजधानी रायपुर के साथ ही राजिम, धमतरी, राजनांदगांव, दुर्ग, तिल्दा के साथ ही गोंदिया (महाराष्ट्र) और काकीनाड़ा (आंध्रप्रदेश) मिलाकर 25 ठिकानों पर आयकर छापे की कार्रवाई की थी। इस अभियान में आयकर अन्वेषण छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश के करीब सौ अफसर शामिल थे।

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(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा

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