
कोलकाता, 02 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । कोलकाता लेदर कॉम्प्लेक्स इलाके में हाइड्रेंट की सफाई करते समय रविवार को केएमडीए के तीन कर्मचारियों की मौत हो गई। घटना के बाद चार घंटे के लगातार प्रयास के बाद फोर्ज़म शेख, हासी शेख और सुमन सरदार के शवों को मैनहोल से बाहर निकाला गया। ये तीनों कर्मचारी मुर्शिदाबाद जिले से थे।
कोलकाता नगर निगम के मेयर फिरहाद हकीम घटना स्थल पर पहुंचे और घोषणा की कि जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार होगा, उसे दंडित किया जाएगा, चाहे वह ठेकेदार हो या अधिकारी। उन्होंने कहा कि केएमडीए स्वयं इस घटना की जांच करेगी, और पुलिस भी जांच में लगी हुई है। उन्होंने वादा किया कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी और मौत के कारण की जांच होगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रविवार सुबह करीब नौ बजे सेक्टर-6 औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में रासायनिक अपशिष्ट की सफाई हो रही थी। पाइप लाइन फटने के कारण तीनों सफाई कर्मचारी मैनहोल में गिरे, जो 10 फीट गहरा था। उन्हें अपशिष्ट द्रव में डूबने से बचाने के लिए तत्काल प्रयास किए गए, लेकिन चार घंटे बाद जब उन्हें बाहर निकाला गया, तब तक वे मृत पाए गए। प्रारंभिक अनुमान है कि मौत का कारण चमड़े की तीखी गंध से होने वाली श्वसन समस्याएं थीं।
इस घटना ने प्रशासन के नियमन और कर्मचारी सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल उठाए हैं। सीवर सफाई के लिए मशीनों का उपयोग होना चाहिए, लेकिन छोटे सीवरों की सफाई में मजदूरों को इस्तेमाल करना जारी है। सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं होना और सुरक्षा उपकरणों की कमी इस घटना के कारणों में से एक हो सकती है। 2013 में मैनहोल सफाई पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून के बावजूद, सफाई कर्मचारियों की मौतें जारी हैं, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय है।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
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