West Bengal

केंद्रीय बजट : आभूषण उद्योग की मिली-जुली प्रतिक्रिया

कोलकाता, 1 फरवरी (Udaipur Kiran) । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2025-26 पर आभूषण उद्योग के दिग्गजों ने मिश्रित प्रतिक्रियाएं दी हैं। आभूषण उद्यमिओं ने इस बजट को स्थिरता प्रदान करने वाला बताया, हालांकि कई लोगों को आयात शुल्क में राहत की उम्मीद थी।

अभिषेक कजारिया -संस्थापक और मालिक, अवमा ज्वैलर्स

अभिषेक कजारिया ने कहा कि यह बजट रत्न और आभूषण उद्योग के लिए आशाजनक है, क्योंकि इसमें डिस्पोजेबल आय बढ़ाने और विनिर्माण व निर्यात क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई उपाय किए गए हैं। उन्होंने कहा, भारत को वैश्विक आभूषण केंद्र बनाने में यह बजट सहायक साबित होगा। नवाचार, कौशल विकास और स्थिरता पर जोर दिया गया है, जिससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा बनी रहेगी।

प्रतीक दुगर, निदेशक, इंडियन जेम एंड ज्वेलरी क्रिएशन

उन्होंने कहा कि सोने और पॉलिश किए गए हीरे के आयात शुल्क में कमी की उम्मीद थी, लेकिन इस क्षेत्र में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, कोई खबर न होना भी कभी-कभी अच्छी खबर होती है, क्योंकि स्थिरता से व्यवसाय बिना किसी व्यवधान के सुचारू रूप से चलते रहते हैं।

संदीप सोनी, निदेशक, महाबीर दंबर ज्वैलर्स

संदीप सोनी ने बजट को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, हमेशा की तरह, हमारा उद्योग रियायतों की उम्मीद कर रहा था, लेकिन इस साल किसी भी मोर्चे पर कोई बदलाव नहीं हुआ। हालांकि, टैक्स स्लैब में कुछ संशोधन हुए हैं, जो आम जनता के लिए राहत की बात है। उन्होंने बजट में एमएसएमई, निवेश, निर्यात, कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र पर ध्यान देने की सराहना की।

भारती बांगुर, संस्थापक और मालिक, क्रिस्नाटो ज्वेलर्स

भारती बांगुर ने कहा कि बजट में छह फीसदी आयात शुल्क जारी रखने से आभूषण उद्योग में यथास्थिति बनी रहेगी। उन्होंने कहा, डिस्पोजेबल आय बढ़ाने के लिए कर सुधारों पर ध्यान देना एक सकारात्मक कदम है। अधिक क्रय शक्ति के साथ, उपभोक्ता उच्च गुणवत्ता वाले आभूषणों में निवेश करने के लिए प्रेरित होंगे।

आभूषण उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों की राय दर्शाती है कि इस बजट में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन सरकार की स्थिर नीतियां व्यापार संचालन को सुगम बनाए रखने में मदद करेंगी। हालांकि, उद्योग जगत से जुड़े लोग आयात शुल्क में राहत और निर्यात प्रोत्साहन की उम्मीद कर रहे थे, जो इस बजट में नहीं दिखा।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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