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केंद्रीय बजटः ‘विकास केंद्रों के रूप में शहर’ के कार्यान्वयन को एक लाख करोड़ की ‘शहरी चुनौती निधि’ की स्थापना

संसद में शनिवार को केंद्रीय बजट 2025-26 को पेश करती वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

– राष्ट्रीय भू-स्थानिक मिशन आधारभूत भू-स्थानिक अवसंरचना और डेटा विकसित करेगा

– गिग वर्कर्स को पहचान पत्र मिलेंगे और ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण होगा

– प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गिग-वर्कर्स को स्वास्थ्य सुविधा दी जाएगी

– प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में 30,000 रुपये की सीमा वाले यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्ड की सुविधा

नई दिल्ली, 1 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्‍द्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए कहा कि जुलाई के बजट में घोषित ‘विकास केंद्रों के रूप में शहर’, ‘शहरों का सृजनात्मक पुनर्विकास’, और ‘जल एवं स्वच्छता’ के लिए प्रस्तावों को कार्यान्वित करने के लिए सरकार एक लाख करोड़ रुपये की ‘शहरी चुनौती निधि’ स्थापित करेगी।

उन्होंने कहा कि यह निधि भरोसेमंद परियोजनाओं की लागत के 25 प्रतिशत तक की धनराशि को इस शर्त के साथ वित्तपोषित करेगी कि लागत का कम से कम 50 प्रतिशत बॉन्ड, बैंक ऋणों और पीपीपी के माध्यम से वित्तपोषित किया जाए। वर्ष 2025-26 के लिए 10,000 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया गया है।

बजट में बुनियादी भू-स्थानिक अवसंरचना और डेटा विकसित करने के लिए ‘राष्ट्रीय भू-स्थानिक मिशन’ शुरू करने का प्रस्ताव किया गया है। पीएम गति शक्ति का उपयोग करते हुए यह मिशन भू-अभिलेखों, शहरी नियोजना और अवसंरचनात्मक परियोजनाओं के डिजाइन के आधुनिकीकरण को संभव बनाएगा।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार शहरी गरीबों और कमजोर समूहों को सहायता प्रदान करने को प्राथमिकता देती आ रही है। शहरी कामगारों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक स्कीम कार्यान्वित की जाएगी ताकि उनकी आय बढ़ाने, धारणीय आजीविका और बेहतर जीवन स्तर हासिल करने में उनकी सहायता की जा सके।

ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों के गिग कामगार नए युग की सेवा अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण गतिशीलता प्रदान करते हैं। इनके योगदान को मान्यता देते हुए सरकार उनके पहचान पत्रों और ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण की व्यवस्था करेगी। उन्हें पीएम जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य संबंधी देखभाल प्रदान की जाएगी। इस उपाय से लगभग एक करोड़ गिग कामगारों को सहायता मिलने की उम्मीद है।

वित्त मंत्री ने इस तथ्य पर जोर देते हुए कहा कि पीएम स्वनिधि योजना ने उच्च ब्याज दर वाले अनौपचारिक क्षेत्र के ऋणों से राहत पहुंचाते हुए 68 लाख स्ट्रीट वेंडरों को लाभान्वित किया है। इस सफलता को आगे बढ़ाते हुए इस स्कीम को बैंकों से संवर्धित ऋण, 30,000 रुपये की सीमा के साथ यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्डों और क्षमता विकास सहायता के साथ नवीकृत किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि किफायती और मध्यम आय आवास के लिए विशेष विंडो (एसडब्ल्यूएएमआईएच) के अंतर्गत विशिष्ट आवास परियोजनाओं में 50 हजार आवासीय इकाइयों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है और घर खरीदने वालों को इनकी चाभियां सौंप दी गई हैं। इससे उन मध्यवर्गीय परिवारों को मदद मिलेगी जो अपार्टमेंट के लिए ऋण पर ईएमआई का भुगतान कर रहे थे और साथ ही अपने वर्तमान आवास में रहने के लिए किराये का भुगतान भी कर रहे थे। अन्य 40 हजार इकाइयों का निर्माण कार्य वर्ष 2025 में पूरा कर लिया जाएगा।

इस सफलता से प्रेरित होकर सरकार, बैंकों और निजी निवेशकों के अंशदान के साथ एक मिश्रित वित्तीय सुविधा के रूप में ‘एसडब्ल्यूएएमआईएच फंड-2’ स्थापित किया जाएगा। कुल 15,000 करोड़ रुपये वाली इस निधि का लक्ष्य एक लाख अन्य इकाइयों को शीघ्र पूरा करना है।

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(Udaipur Kiran) / दधिबल यादव

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