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नई दिल्ली, 01 फरवरी (Udaipur Kiran) । केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सुबह 11 बजे संसद में लगातार आठवां केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया। सीतारमण ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव व कुछ अन्य सदस्यों के विरोध के बीच बजट भाषण शुरू किया। वित्तमंत्री ने कहा कि इस बजट में प्रस्तावित विकास उपाय 10 व्यापक क्षेत्रों में हैं। बजट में गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था सभी प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ रही है। पिछले 10 वर्षों के हमारे विकास ट्रैक रिकॉर्ड और संरचनात्मक सुधारों ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। इस अवधि में भारत की क्षमता और संभावनाओं पर विश्वास बढ़ा है। वित्तमंत्री ने कहा कि राज्यों के साथ साझेदारी में धन-धान्य कृषि योजना के तहत कम उत्पादकता वाले 100 जिलों को कवर किया जाएगा। इससे 1.7 करोड़ किसानों को ग्रामीण समृद्धि बनाने में मदद मिलेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर पैदा होंगे।
वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि बिहार में मखाना बोर्ड का गठन किया जाएगा। इसका मकसद मखाना उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन को बेहतर बनाना है। इस कार्य में लगे लोगों को एफपीओ के रूप में संगठित किया जाएगा। उन्होंने ने कहा कि सरकार पीएम धन-धान्य कृषि योजना शुरू करेगी। इसका मकसद कृषि जिलों में विकास कार्यक्रम को बढ़ावा देना है। मौजूदा योजनाओं और विशेष उपायों के अभिसरण के माध्यम से कार्यक्रम कम उत्पादकता, मध्यम फसल तीव्रता और औसत से कम ऋण मापदंडों वाले 100 जिलों को कवर करेगा। इसका प्रमुख उद्देश्य सांस्कृतिक उत्पादकता को बढ़ाना भी है।
उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को अल्पावधि ऋण की सुविधा प्रदान करता है। संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से लिए गए ऋण के लिए ऋण सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी जाएगी। सीतारमण ने कहा कि सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और टर्नओवर की सीमा को क्रमशः 2.5 और दो गुना तक बढ़ाया जाएगा। इससे युवाओं में रोजगार के लिए आत्मविश्वास बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए हमारी सरकार ने पूर्वी क्षेत्र में तीन निष्क्रिय यूरिया संयंत्रों को फिर शुरू किया है। यूरिया आपूर्ति को बढ़ाने के लिए असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता वाला एक संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
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