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जयपुर, 31 जनवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत शुक्रवार को राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े के अभिभाषण से हुई। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में सरकार की योजनाओं और नीतियों को प्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया। राज्यपाल ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए राजस्थान के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश सदियों से त्याग, पराक्रम और विविधताओं की धरती रहा है। राजस्थान की समृद्ध परंपराओं और लोकसंस्कृति को याद करते हुए उन्होंने राज्य के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
उन्होंने कहा कि इस विधानसभा का प्रत्येक सदस्य प्रदेश के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का संकल्प लेकर यहां उपस्थित हुआ है। विकास और जनहित की योजनाओं के माध्यम से सरकार प्रदेश को नए आयाम दे रही है। सरकार की प्राथमिकता समाज के प्रत्येक वर्ग को सशक्त करना है। उन्होंने ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना’, ‘मुख्यमंत्री कृषि सहायता योजना’ और ‘राम जल सेतु परियोजना’ जैसी योजनाओं को जनहितकारी बताया। अभिभाषण में राज्यपाल ने राजस्थान की प्रगति का श्रेय केंद्र और राज्य सरकार के बेहतर समन्वय को दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसान, युवा, महिला और वंचित वर्ग के हितों को प्राथमिकता दी है। ये योजनाएं राज्य को प्रगतिशील और सशक्त बनाएंगी।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में औद्योगिक विकास के लिए ‘राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी-2024’ लागू की गई है, जिसमें निवेश आकर्षित करने के लिए 512 करोड़ रुपये से अधिक व्यय किया गया है। इसके अंतर्गत 11 नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना और भूमि आवंटन की प्रक्रिया तेज की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए सतत कार्य कर रही है। राजस्थान की अर्थव्यवस्था को 350 बिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य है। ‘राइजिंग राजस्थान’ इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने इस पहल को प्रदेश के औद्योगिक उदय की नींव बताते हुए कहा कि इसमें 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश की मजबूत बुनियाद रखी गई है। उन्होंने राइजिंग राजस्थान’ की तुलना गुजरात की ‘वाइब्रेंट गुजरात’ पहल से करते हुए कहा कि जिस प्रकार गुजरात में इस पहल के माध्यम से देश-विदेश से निवेश आया, उसी तरह ‘राइजिंग राजस्थान’ में भी 32 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस आयोजन से राजस्थान में औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी।
राज्यपाल ने कहा कि ईआरसीपी परियोजना को पुनः ‘राम जल सेतु’ के रूप में प्रारंभ किया गया है, जिससे 17 जिलों में जल संकट का समाधान होगा। इस परियोजना के लिए 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है। किसानों के लिए ‘मुख्यमंत्री कृषि सहायता योजना’ लागू की गई है, जिसमें फसल बीमा के तहत किसानों को 16 हजार करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त 24 हजार से अधिक किसान समूहों को अनुदानित ऋण उपलब्ध कराया गया है। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए 6 उप-जिला अस्पताल, 2 सैटेलाइट अस्पताल और 4 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को जिला चिकित्सालय में क्रमोन्नत किया गया है। इसके साथ ही ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना’ के तहत 1 करोड़ 34 लाख परिवारों को पंजीकृत किया गया है, जिनमें से 19 लाख से अधिक लोगों ने उपचार का लाभ लिया है।
उन्होंने कहा कि पीएम श्री योजना स्कूलों को आवश्यक संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध करवाने का सशक्त माध्यम बनी है। इस योजना से प्रदेश 639 स्कूल जुड़े हैं। 33 हजार छात्रों को डिजिटल तकनीक से जोड़ते हुए उन्हें टैबलेट वितरित किए गए। रोजगार सृजन के लिए इस वर्ष 81 हजार सरकारी पदों पर भर्ती की योजना बनाई गई है। पेयजल आपूर्ति और संरक्षण के लिए 45 हजार से अधिक गांवों में स्वच्छ जल उपलब्ध कराने की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 21 हजार से अधिक सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए हैं।
राज्यपाल ने कहा कि महिला और बाल कल्याण के लिए ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय योजना’ के तहत 5 हजार से अधिक महिलाओं को सहायता प्रदान की गई है। गरीब और वंचित वर्गों के लिए 125 मेगावाट के सौर संयंत्र स्थापित कर बिजली दरों में रियायत दी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रयास राजस्थान को समृद्ध और प्रगतिशील बनाने में मील का पत्थर साबित होंगे।
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(Udaipur Kiran)
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