Jammu & Kashmir

नौकरशाही की जवाबदेही घटेगी और मनमानी बढ़ेगी- साहनी

जम्मू 30 जनवरी (Udaipur Kiran) । शिवसेना जम्मू-कश्मीर ईकाई ने अति अतिसंवेदनशील प्रदेश जम्मू कश्मीर के विधायकों को विधानसभा सत्र के दौरान सुरक्षा व गृह विभाग से जुड़े प्रशासनिक मामलों पर प्रश्न पूछने के लिए विशेष अनुमति के तुगलकी फरमान को संविधानिक व लोकतांत्रिक व्यवस्था पर प्रहार बताया है।

पार्टी प्रदेश मध्यवर्ती कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता में प्रदेश प्रमुख मनीश साहनी ने कहा कि जम्मू.कश्मीर के पुनर्गठन के बाद लगातार स्थानीय जनता व चुने गए प्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन हो रहा है। माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद करीब दस सालों के लंबे इन्तजार के बाद जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव संभव बन पाए । अब जब चुनाव हुआ और सरकार का गठन भी हो चुका है लेकिन सरकार बने 100 दिन बीत जाने के बाद भी जम्मू.कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा लौटाने का वादा पूरा नहीं किया जा सका है। साहनी ने कहा कि जम्मू.कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में संसोधनों से जनता व जन प्रतिनिधियों के अधिकारों में लगातार कटौती की जा रही है।

साहनी ने कहा कि उपरोक्त तुगलकी फरमान से अफसरशाही की जबावदेही में कमी व मनमानियां बढ़ेगी।

(Udaipur Kiran) / मोनिका रानी

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