BUSINESS

आर्थिक वृद्धि दर 2025-26 में 6.3 से 6.8 फीसदी रहने का अनुमान: आर्थिक सर्वेक्षण 

आर्थिक सर्वेक्षण के लोगो का प्रतीकात्मक चित्र

-आर्थिक सर्वेक्षण में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.3 से 6.8 फीसदी रहने का है अनुमान

नई दिल्ली, 31 जनवरी (Udaipur Kiran) । केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 की आर्थिक सर्वेक्षण शुक्रवार को संसद में पेश किया। आर्थिक समीक्षा में अगामी वित्‍त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.3 से 6.8 फीसदी रहने अनुमान जताया गया है। वहीं, चालू वित्त वर्ष 2024-25 में देश की आर्थिक वृद्धि दर चार साल के निचले स्तर 6.4 फीसदी पर रहने का अनुमान है। सीतारमण शनिवार को 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी।

केंद्रीय वित्‍त मंत्री ने राष्‍ट्रपति के अभिभाषण के बाद संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्‍यसभा के पटल पर आ‍र्थिक सर्वेक्षण रखा। आर्थिक सर्वेक्षण चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के आकलन के साथ-साथ देश के समक्ष चुनौतियों को बयां करता है। आर्थिक सर्वेक्षण एक वार्षिक दस्तावेज भी होता है, जिसे सरकार केंद्रीय बजट से पहले अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए पेश करती है। यह सुधारों और विकास का खाका भी प्रदान करती है।

आर्थिक सर्वे में जमीनी स्तर पर स्ट्रक्चरल रिफॉर्म और विनियमिकरण पर जोर देने की जरूरत पर बल दिया गया है। सर्वे का कहना है कि भू-राजनीतिक तनाव, संघर्षों तथा वैश्विक स्तर पर वाणिज्यिक नीतियों से जुड़े हुए खतरों को देखते हुए दुनिया की अर्थव्यवस्था से समक्ष बड़ी चुनौतियां हैं। आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2024 के दौरान 5.4 प्रतिशत रही खुदरा महंगाई दर अप्रैल से दिसंबर तक 4.9 प्रतिशत रह गई है।

आर्थिक सर्वेक्षण अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए दृष्टिकोण प्रदान करने के अलावा अर्थव्यवस्था और विभिन्न क्षेत्रों में विकास की रूपरेखा को बयां करती है। आर्थिक सर्वेक्षण को मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग का आर्थिक प्रकोष्ठ तैयार करता है। पहली आर्थिक समीक्षा 1950-51 में पेश की गई थी, जो उस समय बजट दस्तावेज का हिस्सा होती थी। इसे 1960 के दशक में केंद्रीय बजट से अलग कर दिया गया और बजट से एक दिन पहले संसद में पेश किया जाने लगा।

उल्‍लेखनीय है कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुमान के अनुसार कमजोर विनिर्माण एवं निवेश के कारण भारत की जीडीपी चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 6.4 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो चार साल का निम्नतम स्तर है। यह पिछले वित्‍त वर्ष की आर्थिक सर्वेक्षण में अनुमानित 6.5-7 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर तथा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आरबीआई के 6.6 फीसदी के अनुमान से भी कम है।

(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

Most Popular

To Top