RAJASTHAN

राज्यपाल के अभिभाषण के साथ विधानसभा का बजट सत्र शुरु

विधानसभा में अभिभाषण देते हुए राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े
विधानसभा में अभिभाषण देते हुए राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े

जयपुर, 31 जनवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत शुक्रवार को राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े के अभिभाषण से हुई। अभिभाषण के दौरान कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह डोटासरा की टिप्पणी पर राज्यपाल ने तल्ख अंदाज में जवाब दिया।

राज्यपाल ने अभिभाषण के दौरान पिछली कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जल जीवन मिशन घोटाले से राजस्थान की साख खराब हुई है। बाड़मेर जिले के तामलोर गांव के दौरे का ज़िक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा बाड़मेर जिले के तामलोर गांव में मैं गया था। वहां एक झोपड़े के पास प्रधानमंत्री आवास बना था। वहां मैंने नल खोला तो देखा पानी आ रहा है। मैंने पूछा कि पानी कहां से आया। लोगों ने बताया कि पानी सरदार सरोवर से आया है। 800 किलोमीटर से पानी आया है, तो यह अच्छी बात है। मैं अभिनंदन करता हूं। इस पर डोटासरा खड़े हुए और कहा, सरकार तो बैठकें करती नहीं। राज्यपाल को जिलों में जाकर बैठकें करनी पड़ रही हैं। राज्यपाल ने तीखे अंदाज में डोटासरा को जवाब देते हुए कहा, जनजाति हितों से जुड़ी समिति मेरे विभाग में आती है और उसकी बैठक करना मेरी जिम्मेदारी है, मेरी ड्यूटी है। मैं हर जिले में जाऊंगा और वहां बैठक करूंगा। सदन में यह पहला मौका था जब किसी विधायक की टोकाटाकी पर राज्यपाल ने व्यक्तिगत रूप से जवाब दिया।

राज्यपाल ने ईआरसीपी (अब राम जल सेतु) योजना में देरी के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में एक भी पेपरलीक नहीं हुआ है। इससे पहले अपने पहले अभिभाषण की शुरुआत में उन्होंने इसे गौरव का क्षण बताया। इस बार लंबे समय बाद राज्यपाल का अभिभाषण पूरा पढ़ा गया। उन्होंने एक घंटे 26 मिनट तक भाषण दिया।

कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर का विधानसभा से निलंबन भी आज समाप्त कर दिया गया। सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने इसका प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने मंजूर कर लिया।

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा, उस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर विधायक और नेता प्रतिपक्ष ने मुझसे मिलकर बात की। हम सब पक्ष और विपक्ष के लोग मिलकर सदन को चलाएं और सभी मर्यादा से बात करें। उस दिन मुझे भी बहुत तकलीफ हुई।

राज्यपाल के अभिभाषण के बाद आज सदन में ज्यादा कामकाज नहीं हुआ। राज्यपाल से मंजूरी मिलने वाले विधेयकों और तीन अध्यादेशों को सदन में पेश किया गया।

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(Udaipur Kiran)

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