
अजीत सिंह के सरकारी आवास को खाली कराए जाने के विरोध में सोनिया विहार रेगुलेटर पर किया था प्रदर्शन
गाजियाबाद, 30 जनवरी (Udaipur Kiran) । रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत सिंह के दिल्ली स्थित सरकारी आवास को खाली कराए जाने के विरोध में हुए हंगामे के आरोपी बागपत विधायक योगेश धामा और भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत कई रालोद नेताओं ने गुरुवार को एमपी -एमएलए अदालत में आत्मसमपर्ण कर दिया। अदालत ने सभी की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली। इस मामले में कुछ दिन पूर्व कोर्ट से 16 आरोपियों को भी जमानत मिल चुकी है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक 18 सितंबर 2014 को राष्ट्रीय लोकदल ( रालोद) के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह की दिल्ली स्थित सरकारी कोठी ख़ाली करा दी गई थी। इसके विरोध में मुरादनगर सोनिया विहार रेगुलेटर पर रालोद व किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं व जाट समाज के लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया था। जिसमें पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज व आंसू गैस के गोले छोड़े व रबर बुलेट का भी प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया था।
इस मामले में पुलिस ने 36 नामज़द नेताओं व कार्यकर्ताओं सहित करीब पांच हज़ार अज्ञात लोगों के विरूद्ध गंभीर धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया था। आरोप था कि पुलिस पर जानलेवा हमला, आगजनी, तोड़फोड़, सरकारी कार्य में बाधा डालने, बंधक बनाए जाने, बलवा करने और सरकारी संपति को नुक़सान किया गया था। इस मामले में गुरुवार को बागपत विधायक याेगेश धामा, भाकियू नेता राकेश टिकैत, पूर्व मंत्री दलवीर सिंह, मोदीनगर के पूर्व विधायक सुदेश शर्मा, पूर्व विधायक वीर पाल सिंह राठी , पूर्व विधायक भगवती प्रसाद सहित दो अन्य आरोपियों ने एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया। न्यायाधीश निशांत मान की अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपियों की जमानत स्वीकार कर ली। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अजय वीर चौधरी ने बहस की।
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(Udaipur Kiran) / फरमान अली
