Uttar Pradesh

लेखपाल ने जिंदा आदमी को मरा दिखा करोडों की जमीन को दूसरे के नाम किया वरासत

लेखपाल ने जिंदा आदमी को मरा दिखा करोडों की जमीन को दूसरे के नाम किया वरासत

-राजस्व विभाग की काली करतूत से मचा हड़कंप

-भू माफिया से सांठगांठ कर लेखपाल पर करोड़ों की जमीन में हेराफेरी का आरोप

चित्रकूट,30 जनवरी (Udaipur Kiran) । जनपद में जिंदा को मृतक दिखाकर करोड़ों की जमीन वरासत करने का मामला सामने आया है। यही नहीं लेखपाल सहित अन्य अधिकारियों ने बिना जांच किए ही जमीन को गैर बिरादरी के युवक के नाम वरासत कर दिया। खतौनी निकालने पर पीड़ित को जानकारी हुई तो लेखपाल के पास पहुंचा। लेखपाल ने पीड़ित को तहसील से भगा दिया। गुरुवार को पीड़ित ने एसडीएम और डीएम को हलफनामा देकर जमीन वापस उसके नाम करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

गुरुवार को तहसील कर्वी के सीतापुर निवासी कल्लू उर्फ कन्नू कुशवाहा ने बताया कि वह रोजगार के लिए मध्य प्रदेश के जनपद सतना के कोठी इलाके में रहता हूं। गांव आने पर तहसील से खतौनी की नकल निकलवाया तो पता चला कि मेरी बेशकीमती जमीन को गांव निवासी कुट्टू रैकवार ने 1959 में मेरे मृत्यु का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर करीब एक बीघा जमीन अपने नाम वरासत करा लिया है। जिसमें एक महिला व पुरुष ने फर्जी गवाही भी दी है। उसने आरोप लगाया कि हल्का लेखपाल ने बिना मौके पर गए ही झूठी रिपोर्ट लगाया है। जिसके बाद वरासत की गई है।

अधिवक्ता राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि कुट्टू रैकवार ने न्यायालय में जो कागजात जमा किया है। उसमें उसके पिता की मृत्यु 1959 में हो गई है। जबकि कुट्टू रैकवार के आधार कार्ड में उसकी जन्मतिथि 1966 दर्ज है। अब सवाल यह है कि पिता की मौत के सात साल बाद बेटा कैसे हो गया। इसका मतलब तहसील के अधिकारियों ने फर्जी तरीके से वरासत की है। लेखपाल आलोक मिश्रा ने बताया कि नायब तहसीलदार न्यायालय से आदेश आया था, उसी पर मैंने रिपोर्ट लगाई है। बिना मौके पर गए रिपोर्ट लगाने व जन्मतिथि के संबंध में कोई जवाब नहीं दिया। नायब तहसीलदार मंगल यादव ने बताया कि लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर ही वरासत हुई होगी। पीड़ित ने प्रार्थना पत्र दिया है तो इसकी जांच की जाएगी। साथ ही गलत मिलने पर फर्जी वरासत कराने वाले और संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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(Udaipur Kiran) / रतन पटेल

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